भोपाल, 24 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति के साथ भाजपा में सियासी हलचल तेज हो गई है।
वहीं, उन नेताओं में उम्मीद जाग गई है जो दावेदार माने जाते हैं। राज्य में लंबे अरसे से राजनीतिक नियुक्तियों पर सबकी नजर है, मगर संगठन के चुनाव होने के कारण नियुक्तियां रुकी हुई थीं।
पिछले दिनों भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को बनाया गया और उसके बाद ही राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का अध्यक्ष पूर्व सांसद डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया को बनाया गया और सदस्य मौसम बिसेन को बनाया गया है, जो भाजपा की वरिष्ठ नेता गौरीशंकर बिसेन की बेटी हैं।
राज्य में इन दो नियुक्तियों के साथ ही सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है, क्योंकि कई नेता ऐसे हैं जो विधायक हैं, मगर मंत्री नहीं बन पाए हैं, और वे निगम अथवा मंडल में अपनी नियुक्ति चाहते हैं। वहीं, दूसरी ओर वरिष्ठ नेताओं को विभिन्न पदों पर नियुक्त किए जाने की कवायद लंबे अरसे से चल रही है, और उन्हें भी कहीं समायोजित किया जा सकता है।
दरअसल राज्य में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की थी और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मोहन यादव आसीन हुए थे। उसके बाद राज्य के लगभग 50 निगम, मंडल और आयोग में हुई नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। यह नियुक्तियां शिवराज सरकार के दौरान हुई थीं।
उसके बाद से निगम, मंडल अध्यक्ष, आयोग अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य आदि के पदों पर नियुक्ति को लेकर तमाम दावेदार प्रतीक्षा कर रहे हैं। बीच में लोकसभा चुनाव आए और यह नियुक्तियां नहीं हो पाई। अब एक बार फिर नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है। अब संभावना जताई जा रही है कि एक तरफ जहां कई नेताओं को पार्टी संगठन में जगह दी जाएगी, वहीं कई दावेदारों को निगम, मंडल में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य बनाया जाएगा।