मध्य प्रदेश : नीमच में भावांतर भुगतान योजना से आए ‘अच्छे दिन’, अन्‍नदाताओं के खिले चेहरे

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नीमच, 3 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भावांतर भुगतान योजना को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। यह योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) के अंतर्गत ‘प्राइस डिफिसिट स्कीम’ के रूप में संचालित की जा रही है। भावांतर योजना किसानों के लिए संबल बन रही है। उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री का आभार जताया।

इस योजना के तहत यदि किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दर पर बेचते हैं तो सरकार बिक्री मूल्य और समर्थन मूल्य के बीच का अंतर सीधे किसानों के खाते में जमा करती है। राज्य में इसकी शुरुआत सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए की गई है। 17 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन कराया गया था, जिसके बाद 24 अक्टूबर से कृषि उपज मंडियों में खरीदी कार्य प्रारंभ हुआ।

गांव रामपुरिया के किसान दलसिंह ने बताया कि भावांतर योजना से उन्हें लगभग 1,000 से 1,500 प्रति क्विंटल का अतिरिक्त लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि मैंने 25-30 क्विंटल सोयाबीन मंडी में बेचा, स्कीम बहुत अच्छी है और मुझे सही भाव मिला।

गांव कनावटी के किसान भेरूलाल अहीर ने कहा कि हमारी सोयाबीन 3,698 रुपए प्रति क्विंटल में बिकी, लेकिन सरकार के भावांतर से हमें लगभग 1,700-1,800 रुपए का फायदा हुआ। मुख्यमंत्री मोहन यादव और सरकार का धन्यवाद, जिन्होंने किसानों के हित में यह योजना लागू की।

नीमच कृषि उपज मंडी प्रशासक संजीव साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जो सोयाबीन के किसान भाई हैं उनको एमएसपी के रेट जो 5328 है, उसे मॉडल रेट के अंतर की राशि देने की घोषणा की थी और एक भावांतर योजना की घोषणा की थी। उसी के अंतर्गत 15,500 से अधिक किसानों ने अपना पंजीयन भावांतर योजना में कराया है। 24 अक्टूबर से यह भावांतर की खरीदी मंडियों में की जा रही है। लगातार किसान भाई अपनी उपज लेकर आ रहे हैं। भावांतर के अंतर्गत खरीदी की जा रही है। मॉडल रेट और एमएसपी के अंतर की खाते की राशि किसानों के खाते में पहुंचाई जाएगी।

नीमच जिले में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के मार्गदर्शन में नीमच, जावद और मनासा मंडियों में किसानों की सुविधा के लिए पेयजल, छाया, बैठने की व्यवस्था, सटीक तोल-काटा और पारदर्शी नीलामी प्रणाली सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक मंडी में हेल्थ डेस्क और नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। जिले के कुल 15,956 किसानों ने भावांतर योजनांतर्गत अपना पंजीयन कराया है।

किसान उत्साहपूर्वक अपनी उपज मंडियों में बेच रहे हैं। अब तक नीमच मंडी में 60 किसानों द्वारा 1,050 क्विंटल और मनासा मंडी में 107 किसानों द्वारा 1,182 क्विंटल सोयाबीन की बिक्री की जा चुकी है। जावद मंडी में भी भावांतर के तहत बिक्री जारी है।

भावांतर भुगतान योजना ने प्रदेश के किसानों को राहत दी है और उन्हें फसल का वाजिब दाम मिल रहा है। यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना रही है और मध्य प्रदेश को ‘कृषि सम्मान’ की दिशा में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित कर रही है।