विदिशा, 5 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की तरफ से देश के पिछड़े वर्ग एवं आदिवासी समाज को ध्यान में रखकर कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी के अंतर्गत मध्य प्रदेश के विदिशा में ‘पीएम जनमन योजना’ के तहत ‘मोबाइल मेडिकल यूनिट’ की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
केंद्र की मोदी सरकार ने जिले के सहरिया आदिवासियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की पहल शुरू की। इसी क्रम में सहरिया आदिवासियों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए ‘पीएम जनमन योजना’ के तहत 10 मेडिकल मोबाइल यूनिट एम्बुलेंस की शुरुआत हुई है, जिसके अंतर्गत पिछले साल यहां पर ‘मोबाइल मेडिकल यूनिट’ चलाई गई। यह यूनिट गांव-गांव में जाकर सहरिया आदिवासी समाज के लोगों को स्वास्थ्य उपचार मुहैया कराती है।
जीपीएस से लैस हाई-टेक मोबाइल मेडिकल यूनिट में उन्नत उपकरण जैसे सक्शन मशीन, कान की जांच के लिए ऑटोस्कोप, एक्स-रे मशीन, स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर शामिल होंगे। वहीं, प्रत्येक यूनिट में एक डॉक्टर और चार सहायक मौजूद रहते हैं।
मोबाइल मेडिकल यूनिट से जुड़े स्वास्थ्य कर्मी लकी शर्मा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, “मध्य प्रदेश की तीन प्रमुख जनजातियों में बैगा, भारिया और सहरिया शामिल हैं, जिन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट उनके घर तक पहुंच रही है। ऐसे आदिवासी इलाकों तक जहां से अस्पताल दूर है या लोग जानकारी के अभाव में इलाज कराने नहीं जाते, ये यूनिट पहुंचकर जानकारी देने के साथ उन्हें प्राथमिक उपचार भी दे रही हैं।”
उन्होंने बताया, “मध्य प्रदेश के जिलों में सिर्फ आदिवासी इलाकों के लिए चार-पांच यूनिट तैनात की गई है। इन यूनिटों में थ्रोट और ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग होती है। ऐसे में अगर किसी में इस प्रकार के लक्षण दिखते हैं, तो उन्हें समय पर जानकारी देकर बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इन यूनिटों में डॉक्टर, नर्स और लैब टेक्नीशियन समेत छह लोग होते हैं। इनमें टीबी, शुगर और बीपी की भी जांच की जा रही है। ये यूनिट महीने में दो-तीन बार आदिवासी इलाकों में जाकर लोगों की जांच करती है और उन्हें दवाएं भी दी जाती है।”