मुंबई, 26 जून (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद के बीच शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की है। सरकार के फैसले के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) सबसे ज्यादा विरोध करती नजर आई है। राज ठाकरे लगातार राज्य में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किए जाने का विरोध कर रहे हैं। इसी विवाद के बीच शिक्षा मंत्री दादा भुसे अब राज ठाकरे से मिले हैं। हालांकि मुलाकात बेनतीजा रही है।
महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दादा भुसे गुरुवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे के आवास पर पहुंचे। राज ठाकरे से मुलाकात के बाद दादा भुसे ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस बैठक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकला है।
दादा भुसे ने कहा, “राज ठाकरे इस समय तीसरी भाषा के संबंध में सरकार के निर्णय से खुश नहीं हैं। राज ठाकरे ने अन्य विषयों के अंकों के संबंध में कुछ सुझाव दिए हैं, जो निश्चित रूप से स्वागत योग्य हैं। राज ठाकरे के साथ हुई चर्चा को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को तीसरी वैकल्पिक भाषा के रूप में पढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि राज्य में इसका बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है। भाषा विवाद के बीच शिक्षा मंत्री की मुलाकात को राज ठाकरे को मनाने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए भी कि मनसे प्रमुख ने गुरुवार को ही मुंबई में मार्च निकालने का ऐलान किया। राज ठाकरे ने 6 जुलाई को मार्च निकालने की घोषणा की है।
इस बीच शिवसेना-ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी घोषणा की है कि वो मराठी अध्ययन केंद्र की अगुवाई में होने वाले आंदोलन में हिस्सा लेंगे। उद्धव गुट ने अन्य विरोधी दलों से भी इस मुद्दे पर साथ आने की अपील की है।