मुंबई, 10 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के भायखला इलाके में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के तालुका अध्यक्ष सचिन कुर्मी की हत्या मामले में राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है। गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने विधान परिषद में इस मामले की एसआईटी (विशेष जांच दल) से जांच कराने की घोषणा की है।
यह निर्णय तब लिया गया जब कुर्मी के परिवार ने पुलिस प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया और सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों ने ही सदन में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया।
गृहराज्य मंत्री योगेश कदम ने बताया कि अब तक छह आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि घटना के पीछे वित्तीय विवाद की पृष्ठभूमि थी।
मंत्री ने कहा कि अन्य जिनके नाम सामने आए हैं, उन्हें अभी तक औपचारिक रूप से आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। सीडीआर रिपोर्ट सहित सभी तकनीकी पहलुओं की गहराई से जांच की जाएगी।
कुर्मी के परिजनों का आरोप है कि हत्या के पीछे शामिल मुख्य साजिशकर्ता आज भी गिरफ्तारी से बाहर हैं, और उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। परिजनों ने पुलिस पर जानबूझकर लापरवाही बरतने और साक्ष्य छिपाने का आरोप भी लगाया है।
विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सदन में आरोप लगाया कि सचिन कुर्मी को हत्या से पहले “ऊपर भेज देने” की धमकी दी गई थी। उन्होंने पूछा, “जब पुलिस अधिकारियों को उसी दिन फोन कॉल्स आए थे, तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?” उन्होंने मामले में राजनीतिक दुश्मनी की आशंका भी जताई।
एमएलसी पंकज भुजबल ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपियों की न तो जांच की गई है और न ही उनकी सीडीआर रिपोर्ट निकाली गई है। उन्होंने कहा कि कुर्मी के बेटे को कॉलेज जाते समय धमकाया गया, और पुलिस प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है।
सभी आरोपों का जवाब देते हुए गृहराज्य मंत्री ने कहा, “किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। एसआईटी के जरिए जांच कराई जाएगी और पूरे मामले की गहराई से जांच होगी।”
बता दें कि सचिन कुर्मी की 4 अक्टूबर 2024 की रात भायखला की म्हाडा कॉलोनी में तेज धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई थी। वे छगन भुजबल के करीबी माने जाते थे। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो वे खून से लथपथ हालत में पाए गए। उन्हें जे.जे. अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज शुरू होने से पहले ही उनकी मौत हो गई।