मुंबई, 31 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए कोर्ट ने सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया। इस फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले के सभी आरोपी निर्दोष थे तो 2014 में मुकदमा बंद क्यों नहीं करवाया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अगर आपको लगता था कि यह लोग निर्दोष हैं तो अपने 2014 में उनका मुकदमा खारिज क्यों नहीं किया? कोर्ट में क्यों नहीं बताया कि इस मामले में कोई सच्चाई नहीं है। 11 साल तक आपने इस केस की लड़ाई लड़ी और आज आपको सपना आया कि लोग आतंकवादी नहीं है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह दोषियों को सजा दिलवाए।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एटीएस ने जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, उन्हीं लोगों के खिलाफ मुकदमा चला। अगर देवेंद्र फडणवीस को अचानक कोई सपना आया कि यह लोग, आतंकवादी घटना में शामिल नहीं थे तो उन्हें पहले ही यह केस ड्रॉप कर देना चाहिए था।
चव्हाण ने कहा कि इस मामले में फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा है कि एनआईए सही ढंग से सबूत नहीं पेश कर पाया, इसीलिए इन लोगों को सजा नहीं दी गई। लेकिन, जो लोग इस आतंकवादी घटना में मारे गए उन लोगों के परिवार वालों को आप क्या कहेंगे? आपको (देवेंद्र फडणवीस) कब पता चला कि यह लोग निर्दोष हैं? अगर आपको लगता है कि यह लोग निर्दोष थे तो अपने 2014 में मुकदमा बंद क्यों नहीं करवाया?
चव्हाण ने ‘भगवा आतंकवाद’ वाले शब्द के प्रयोग पर कहा कि भगवा शब्द का किसी धर्म से कोई मतलब नहीं है। यह तो अभी हाल के साल में इन लोगों ने इस शब्द का गलत इस्तेमाल किया। भगवा तो छत्रपति शिवाजी महाराज का रंग है, भगवा स्वतंत्रता का प्रतीक है, हमारे वारकरी संप्रदाय का प्रतीक है। भगवा रंग आप इसे किसी धर्म के साथ न जोड़ें। जिनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया यह लोग हिंदू थे। यह कहना कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता है, मैं विनम्रता पूर्वक कहना चाहूंगा कि स्वतंत्र भारत में सबसे पहले आतंकवादी घटना को अंजाम देने वाला नाथूराम गोडसे था। उसने महात्मा गांधी की हत्या की थी, नाथूराम गोडसे कौन से धर्म से थे? आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। आतंकवादी, आतंकवादी होता है और उसे उसके किए कृत्य के लिए उसे सजा होनी ही चाहिए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि अमेरिका ने जो भी फैसला किया है वह भारत के हितों के खिलाफ है। डोनाल्ड ट्रंप का फैसला नरेंद्र मोदी और भारत की विदेश नीति की विफलता है। गले लगाकर आप विदेश नीति नहीं तय कर सकते। शायद नरेंद्र मोदी अब तक इस बात को समझ गए होंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से 18 बार मिलने के बाद भी डोकलाम की घटना हुई।