जम्मू, 31 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने गुरुवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत के फैसले का स्वागत किया। एनआईए अदालत ने इस मामले के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत का फैसला स्वागतयोग्य है और इस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती। इस देश में जिस तरह कांग्रेस ने एक साजिश के तहत ‘हिंदू आतंकवाद’ का नारा गढ़ने की कोशिश की। अब स्पष्ट है कि यह वोट बैंक हासिल करने की एक जानबूझकर की गई कोशिश थी। यह सब हिंदुओं को बदनाम करने के लिए किया गया था।
जम्मू-कश्मीर में धारा-370 हटने के बाद कानून-व्यवस्था पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सवाल को लेकर चुघ ने कहा कि मैं फारूक और उमर अब्दुल्ला से कहना चाहता हूं कि वे चुनाव घोषणापत्र में किए गए वादों पर चर्चा करें। वे अपने वादों पर खरे नहीं उतरे। उमर को ‘विक्टिम कार्ड’ खेलना बंद करना चाहिए और अपना रिपोर्ट कार्ड दिखाना चाहिए। पुलिस को छोड़कर, आपके पास सारा विभाग है। नशे के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। उमर और फारूक के पिछले शासनकाल में कितने निर्दोष मारे गए। अब पथराव की स्थिति शून्य है। अब कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है, नागरिकों की हत्याओं के पीछे जो लोग हैं, उन्हें सजा मिलेगी।
उन्होंने पहलगाम हमलावरों पर कार्रवाई को लेकर कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ के लिए सेना की प्रशंसा की जानी चाहिए। आतंकवाद की फैक्ट्री में 100 से ज्यादा लोग मारे गए। उमर को इसकी प्रशंसा करनी चाहिए, सवाल उठाने वालों का साथ नहीं देना चाहिए। मैं उमर और राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि पाकिस्तान के सोशल मीडिया स्टार न बनें। आप अपनी सेना से ज्यादा पाकिस्तानी सेना के मुखपत्र पर भरोसा करते हैं। जनवरी 1990 में मुख्यमंत्री कौन था। हम आतंकवाद को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। यह मोदी सरकार है, जिसका ध्येय वाक्य है, खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा।