नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने आरएसएस पर आरोप लगाए थे।
भाजपा सांसद ने कहा कि आरएसएस ने सौ साल पूरे कर लिए हैं। पूरा देश और दुनिया जानती है कि संघ ने इस सदी में क्या सेवा की है। चाहे कोविड-19 हो, भूकंप हो या बाढ़, लोगों तक पहुंचने वाले पहले स्वयंसेवक हमेशा संघ से ही होते हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि असमानता के खिलाफ लड़ने वाले महात्मा गांधी और डॉ. बीआर अंबेडकर ने समानता के मंच के रूप में संघ की सार्वजनिक रूप से सराहना की थी। यहां तक कि भारत-चीन युद्ध के बाद 1963 के स्वतंत्रता दिवस परेड के दौरान भी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आरएसएस स्वयंसेवकों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।
उन्होंने कहा कि जहां तक महात्मा गांधी की हत्या का सवाल है, कपूर आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि संघ की इसमें कोई संलिप्तता नहीं थी। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज जिस मामले को गलत तरीके से उठाया है, उसकी न केवल कपूर आयोग ने जांच की, बल्कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक भी गया, जिसका फैसला सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को आरएसएस और देश के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए। आरएसएस के खिलाफ आज उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह पीएफआई, मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसी ही है। ये वे संगठन हैं जो आरएसएस का विरोध करते हैं, क्योंकि वे उसकी एकता और समावेशिता के दृष्टिकोण को स्वीकार नहीं कर सकते। हम खड़गे के बयान की कड़ी निंदा करते हैं।
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो जारी कर कहा था कि भाजपा के नेता हमेशा कहते हैं कि नेहरू और सरदार पटेल जी में मतभेद था, जबकि नेहरू ने खुद सरदार पटेल को ‘भारत की एकता के शिल्पी’ बताया था। वहीं पटेल साहब ने पंडित नेहरू को ‘देश के आदर्श और जनता के नेता’ कहा था।

 












