नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ममता सरकार पर हिंदू समुदाय के लोगों पर जानबूझकर लाठीचार्ज करवाने का गंभीर आरोप लगाया।
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “पश्चिम बंगाल में जब लोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और हिंदू भाई की बेरहमी से हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तो उस समय पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने हमारे हिंदू भाइयों पर लाठीचार्ज का आदेश दिया। इससे पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में, जहां पुलिस बाबरी मस्जिद की नींव रखने जैसे कामों का समर्थन करती है, वहीं हिंदू भाई के समर्थन में विरोध करने वालों पर लाठियां बरसाई जाती हैं।”
उन्होंने कहा, “यह तुष्टीकरण की हद है। ऐसा देश में कहीं और देखने को नहीं मिलता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बंगाली हिंदुओं के लोकतांत्रिक अधिकारों के बजाय चरमपंथी समूहों के हितों को चुना। आज पश्चिम बंगाल में ‘मां, माटी, मानुष’ में हर जगह गुस्सा गूंज रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं जैसा आप सबने ‘जागो मां’ के बारे में सुना है, जो बंगाल की संस्कृति का हिस्सा है। अगर कोई सिंगर इसे गाता है, तो तृणमूल कांग्रेस का नेता उसे रोक देता है। बॉबी हकीम कहते हैं कि वह ऐसा कोलकाता देखना चाहते हैं जहां ममता बनर्जी का दाहिना हाथ काम करे, खासकर जहां हिंदू अल्पसंख्यक हों।”
भंडारी ने महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक साथ आने पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हार के डर से दो वंशवादी परिवार गठबंधन में एक साथ आ गए हैं। यह साफ सबूत है कि मुंबई में उनका एक साथ आना दिखाता है कि उन्हें डर है। उन्हें इस बात का डर है कि मुंबई के लोग एनडीए और भाजपा के साथ विकास को चुनेंगे।”
भाजपा प्रवक्ता ने तंज कसते हुए कहा, “ठाकरे परिवार ने अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए गठबंधन किया है।”
प्रदीप भंडारी ने विपक्ष को घेरते हुए कहा, “एक तरफ मुंबई में दो खानदानी परिवार अपनी राजनीतिक जिंदगी बचाने के लिए एक साथ आ रहे हैं। वे जानते हैं कि मुंबई विकास और एनडीए के साथ खड़ा है। दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल में जो हुआ, उससे पूरा देश गुस्से में है, लेकिन पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने लोकतांत्रिक विरोध को बढ़ावा देने के बजाय हिंदुओं पर लाठियां बरसाईं। कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिनमें हिंदू संत पश्चिम बंगाल पुलिस के सामने हाथ जोड़कर खड़े दिख रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी जर्मनी में जॉर्ज सोरोस के एजेंटों से मिलने में बिजी हैं, जबकि दिग्विजय सिंह उस हिंदू की बेरहमी से हुई हत्या को सही ठहरा रहे हैं। दिग्विजय सिंह इसे ‘एक्शन-रिएक्शन’ कहते हैं। सोचिए जब पूरे विपक्ष को सरकार के साथ एकजुट होना चाहिए था, क्योंकि यह राजनीतिक बदले की बात नहीं थी। ममता बनर्जी की सरकार वोट बैंक को खुश करने के लिए हिंदुओं पर लाठियां चला रही है।”

