मोकामा मामले में राजीव रंजन का ललन सिंह को समर्थन, वीडियो के साथ की गई छेड़छाड़

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पटना, 5 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले मोकामा में केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह की टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस पर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने ललन सिंह का समर्थन करते हुए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की बात कही है।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “इस तरह का बयान ललन सिंह नहीं दे सकते हैं। यह एक छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो है। ललन सिंह का सार्वजनिक जीवन 40-45 साल का है और उन्होंने कभी भी इस तरह का अनावश्यक बयान नहीं दिया।”

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि यह वीडियो गलत है और सही जानकारी के लिए इसकी जांच जरूरी है और वह होगी। विपक्ष परेशान हो गया है, इसीलिए इस तरह का काम कर रहा है। बिहार में कानून का शासन है, ललन सिंह पर एफआईआर हुई है, और वह जवाब देंगे ही।

मोकामा में दिए भाषण पर राजनीतिक हंगामे के बीच चुनाव आयोग ने एक्शन लिया। ललन सिंह को पहले नोटिस जारी किया गया और अब उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। राष्ट्रीय जनता दल ने शिकायत दर्ज कराई थी। इस वीडियो को आरजेडी ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किया था, जिसमें ललन सिंह चुनावी सभा में कार्यकर्ताओं से कहते दिख रहे हैं कि अगर विपक्षी नेता गरीब मतदाताओं को धमकाते हैं तो उन्हें घर में बंद कर दो और मतदान केंद्र तक ले जाकर वापस घर में रखो।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भारतीय सेना पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “अब तो उन्होंने हमारी सेना के मनोबल पर भी सवाल उठा दिए हैं। कम से कम उन्हें सेना का सम्मान करना चाहिए था। हमारे जवानों ने सराहनीय काम किया है। जब भी कोई सेना के बारे में अनुचित बयान देता है तो जनता का आक्रोश भड़कना लाजमी है।”

बिहार के औरंगाबाद जिले के कटुंबा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि देश की सेना और बड़े संस्थान सिर्फ 10 प्रतिशत आबादी के कंट्रोल में हैं, जबकि बाकी 90 प्रतिशत लोग—दलित, पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, और अल्पसंख्यक समुदाय—कहीं भी प्रतिनिधित्व नहीं पाते।