मोजाम्बिक पहुंचा आईएनएस सवित्री, द्विपक्षीय समुद्री सहयोग को नई गति

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नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना का ऑफशोर पेट्रोल वेसल (ओपीवी) आईएनएस सवित्री मोजाम्बिक के पोर्ट बेइरा पहुंचा है। नौसेना के मुताबिक, आईएनएस सवित्री अपने वर्तमान भारतीय महासागर क्षेत्र तैनाती के तहत मोजाम्बिक के पोर्त बेइरा पर है। मोजाम्बिक नौसेना के अधिकारियों ने यहां आईएनएस सवित्री का पारंपरिक औपचारिकता और गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। दरअसल, यह गर्मजोशी भारत और मोजाम्बिक के बीच ऐतिहासिक संबंधों और मजबूत समुद्री साझेदारी का भी प्रतीक है।

नौसेना का कहना है कि इस दौरे के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं के कर्मी संयुक्त प्रशिक्षण और पेशेवर संवाद में भाग लेंगे। संयुक्त प्रशिक्षण का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी सहयोग, समन्वय, और भविष्य की संयुक्त तैनाती के लिए अंतर-संचालन क्षमता को सुदृढ़ करना है। संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नेवीगेशन, विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी, बोर्डिंग एवं तलाशी ड्रिल, डेमेज कंट्रोल, और समुद्री यात्रा के दौरान आग से निपटने जैसे विषयों पर व्यावहारिक सत्र शामिल होंगे।

इसके अलावा, समुदाय से जुड़ाव बढ़ाने के उद्देश्य से आईएनएस सवित्री स्थानीय नागरिकों और विद्यार्थियों के लिए अपने द्वार खोलेगा। स्थानीय नागरिक और विद्यार्थी आईएनएस सवित्री पर आ सकेंगे और वे भारतीय नौसेना की कार्यप्रणाली और समुद्री क्षमताओं को निकट से समझ सकेंगे।

यह दौरा भारत और मोजाम्बिक के बीच समुद्री सुरक्षा, क्षमता निर्माण और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक और अहम कदम है।

बता दें कि एक ओर जहां आईएनएस सवित्री मोजाम्बिक के पोर्त बेइरा पहुंचा है, वहीं भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस सह्याद्री उत्तरी प्रशांत महासागर स्थित गुआम में है। यहां भारतीय नौसेना का यह जहाज एक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास ‘मालाबार-2025’ में भाग लेगा। भारतीय नौसेना यहां एंटी सबमरीन वॉरफेयर और फ्लाइंग ऑपरेशन्स जैसे महत्वपूर्ण नौसैनिक अभ्यास करेगी। आईएनएस सह्याद्री एक गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है। यह जहाज स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है।

नौसेना का कहना है कि आईएनएस सह्याद्री ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है। नौसेना का यह समुद्री जहाज इससे पहले भी कई द्विपक्षीय व बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यासों तथा संचालनात्मक तैनातियों में भाग ले चुका है। आईएनएस सह्याद्री की इस अभ्यास में भागीदारी भारत की दीर्घकालिक साझेदारी का हिस्सा है। यह समन्वय को सुदृढ़ करने व अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने का भी एक बड़ा प्रयास है। यह नौसैनिक अभ्यास क्षेत्रीय सुरक्षा व रक्षा के सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने की प्रतिबद्धता को पुन: पुष्ट करता है।