मुंबई, 3 अगस्त (आईएएनएस)। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई में सात विस्फोट हुए अभी तक आरोपी क्यों नहीं पकड़े गए, पुलिस नाकाम क्यों है।
उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान भगवा आतंक के सवाल पर कहा कि आतंकवादी, आतंकवादी होता है, फिर चाहे वह किसी भी रंग का हो। भगवा आतंकवादी होगा तो क्या उसकी पूजा होगी। आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता। आतंकवादी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए।
उन्होंने मुंबई बम धमाके और मालेगांव ब्लास्ट का भी जिक्र किया और कहा कि आतंकवादी घटना करके चले जाते हैं और आप दोषियों को खोज नहीं पाते। जब दोषियों पर कार्रवाई की बात आती है तो अपनी नाकामी छिपाने के लिए आतंक का रंग खोजने लगते हो। जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसका फोटो भी ब्लैक एंड व्हाइट कर दिया जाता है, क्योंकि उसमें से रंग खत्म हो जाता है, और फिल्मों में भी फ्लैशबैक दिखाने के लिए काले रंग का प्रयोग किया जाता है। आतंकवाद में रंग खोजने वाले आतंकवाद के पक्षधर हैं।
मुंबई के दादर कबूतरखाने को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि कबूतर हमारे जीवन का एक अंग है। यदि उन्हें किसी स्थान से हटाना है तो उसकी प्रक्रिया और कारण स्पष्ट होने चाहिए। क्या ऐसा अचानक किया जाना उचित है? क्या बिना विचार के मुंबई महानगरपालिका को यह बंद कर देना चाहिए? जो बंद किया जा रहा है, वह उचित नहीं है, यह परंपरा और भावनाओं का विषय है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों की विचारधारा ने देश का बंटवारा किया, आज भी कुछ लोग उसी राह पर चल रहे हैं। यह समझ से परे है कि जो लोग देश को दो टुकड़ों में बांटने के लिए जिम्मेदार थे, उन्हीं की विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिंदू समाज एकजुट रहना चाहता है, लेकिन ऐसी राजनीति से समाज में विभाजन की भावना फैलती है, जो बिल्कुल गलत है।
मालेगांव विस्फोट में आरोपियों के बरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोर्ट में जो कार्रवाई हुई है, वह सही ही हुई होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि विस्फोट खुद तो हुआ नहीं है। दोषी कोई तो होगा ही, केंद्र और प्रदेश की सरकार कहां नाकाम हो रही है। इतना समय हो जाने के बाद भी दोषियों को नहीं पकड़ पाना हमारी काबिलियत पर बड़ा तमाचा है।