मुंबई, 26 जून (आईएएनएस)। मुंबई में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को जियो पारसी लाभार्थियों के लिए बायोमेट्रिक अभियान चलाया। पारसी समुदाय को समर्थन देने और उनकी घटती जनसंख्या को रोकने के निरंतर प्रयास के तहत योजना के लाभार्थियों के लिए एक दिवसीय बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के तहत अभियान चलाया गया।
इस कार्यक्रम में मुंबई में पंजीकृत 148 लाभार्थियों में से लगभग 100 ने भाग लिया।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के उप महानिदेशक आलोक कुमार वर्मा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ बॉम्बे पारसी पंचायत और महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा और लाभार्थियों से सीधे संवाद किया। इस कार्यक्रम में मुंबई में पंजीकृत 148 लाभार्थियों में से लगभग 100 ने भाग लिया और अपना अनिवार्य वार्षिक बायोमेट्रिक पूरा किया।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की प्रमुख पहल जियो पारसी योजना में तीन प्रमुख घटक चिकित्सा सहायता, समुदाय का स्वास्थ्य और वकालत शामिल हैं।
चिकित्सा सहायता के तहत आईवीएफ, आईसीएसआई, सरोगेसी और गर्भधारण के बाद की देखभाल जैसे बांझपन उपचारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। समुदाय के स्वास्थ्य में बच्चों के साथ पारसी दंपतियों के साथ-साथ आश्रित बुजुर्ग सदस्यों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वहीं, वकालत के तहत समुदाय के भीतर समय पर विवाह, प्रजनन जागरूकता और पारिवारिक सहायता को बढ़ावा देता है।
मंत्रालय इस योजना की पहुंच बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। अब तक जियो पारसी योजना के तहत नामांकन के लिए 138 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये आवेदन अभी जांच के दायरे में हैं और योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन पर कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जियो पारसी योजना भारत के सबसे छोटे और सबसे प्रतिष्ठित समुदायों में सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय निरंतरता का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज का सफल बायोमेट्रिक अभियान पारदर्शिता, जवाबदेही और पारसी समुदाय को लाभ की निरंतर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।