मुसलमानों के लिए हिंदुस्तान से अच्छा देश और हिंदू से अच्छा दोस्त कोई नहीं: शाहनवाज हुसैन

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को मौलाना महमूद मदनी के बयान को लेकर उनपर निशाना साधा।

हुसैन ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मुसलमानों के लिए हिंदुस्तान से अच्छा मुल्क, हिंदू से अच्छा दोस्त और नरेंद्र मोदी से अच्छा प्रधानमंत्री नहीं हो सकता है। मुसलमानों को भारत से अच्छा संविधान नहीं मिल सकता है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि मौलाना महमूद मदनी कह रहे हैं कि जुल्म होगा, तो जिहाद होगा। उनके बयान की जितनी निंदा की जाए, कम है।

उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि मौलाना महमूद मदनी ने देश के सुप्रीम कोर्ट के संबंध में भी दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अब सुप्रीम नहीं रहा। मौलाना को अपने बयान को वापस लेना चाहिए। मैं उनके बयान की निंदा करता हूं। उनके बयान को एक सभ्य समाज में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

वहीं, उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बिल्कुल सार्थक मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने अपने संबोधन के जरिए विपक्षी दलों को आईना दिखाने का काम किया। संसद देश से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने का मंच है, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि इसे विपक्षी दलों के सांसद ड्रामा करने का मंच बना देते हैं। कई नए सांसद संसद में आए हैं। ऐसी स्थिति में संसद हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने का मंच होना चाहिए, ना कि हो-हल्ला करने का। लेकिन, दुख की बात है कि कांग्रेस अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पाती है और वो इसकी खुन्नस निकालने के लिए संसद में ही हो-हल्ला करने लगती है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर कांग्रेस और टीएमसी की तरफ से किया जा रहा हो-हल्ला बिल्कुल गलत है। एसआईआर के तहत फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है। इससे पहले बिहार में भी एसआईआर हुआ था, जिसमें सिर्फ फर्जी मतदाताओं को ही चिन्हित किया गया। किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं जताई। कांग्रेस और टीएमसी के लोग राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर इस तरह की हरकत कर रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है।

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची की प्रक्रिया जारी है। लेकिन, अब कांग्रेस और टीएमसी इस मुद्दे का जिक्र करके संसद का समय बर्बाद कर रही है, जो बिल्कुल गलत है।

उन्होंने बिहार विधानसभा के सत्र के संबंध में कहा कि यह अच्छा रहेगा कि चर्चा सुचारू रहे। बेवजह के मुद्दे को हवा नहीं दें। मैंने देखा कि पिछले पांच सालों में विधानसभा में विपक्षी दलों ने खूब हंगामा किया। खासकर, माले वाले काफी हंगामा करते थे। इनके कुछ सदस्य विधानसभा के बाहर तो कुछ अंदर में रहकर अव्यवस्था की स्थिति पैदा करते थे। लेकिन, इस बार के विधानसभा चुनाव में इनके कई सदस्यों को प्रदेश की जनता ने हार का स्वाद चखाया है। ऐसे में हमें उम्मीद है कि इस बार यह लोग ज्यादा हो-हल्ला नहीं करते हुए सदन को सुचारू रूप से चलने देंगे।