दीमापुर, 5 नवंबर (आईएएनएस)। नागालैंड के दीमापुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत बड़ी कार्रवाई की।
यह छापेमारी लीमा इमसोंग और उनके सहयोगियों के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है। कुल सात परिसरों पर दबिश दी गई, जिनमें दीमापुर के दो, गुवाहाटी के दो और चेन्नई के तीन स्थान शामिल हैं। ईडी अधिकारियों ने दस्तावेज जब्त किए और कई महत्वपूर्ण सुराग बरामद किए। जांच अभी जारी है, और इससे एक बड़े वित्तीय घोटाले की परतें खुल रही हैं।
ईडी की जांच के केंद्र में लीमा इमसोंग की एकमात्र स्वामित्व वाली कंपनी मेसर्स इमसोंग ग्लोबल सप्लायर्स है। सूत्रों के अनुसार, इस कंपनी ने मानव बाल के निर्यात के नाम पर विदेश से भारी मात्रा में धन प्राप्त किया। दीमापुर जैसे इलाके में यह कारोबार असामान्य और व्यावसायिक रूप से अव्यावहारिक माना जा रहा है। जांच में पाया गया कि कंपनी ने निर्धारित समय सीमा के भीतर अधिकृत डीलर बैंक को शिपिंग बिल, निर्यात चालान की प्रतियां और अन्य जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए। यह लापरवाही फेमा के प्रावधानों और भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।
इसके अलावा, कंपनी के बैंक खाते में आई विदेशी धनराशि को मेसर्स इनकेमइंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर दिया गया। यह कंपनी भी लीमा इमसोंग के स्वामित्व और नियंत्रण में है। दिलचस्प बात यह है कि यह कंपनी पहले निष्क्रिय थी और केवल तभी सक्रिय हुई जब विदेशी धन आने लगा। विचाराधीन अवधि में कंपनी ने घाटा घोषित किया, जो इसे एक कागजी संस्था साबित करता है। ईडी अधिकारियों ने बताया कि यह धन श्री लीमा इमसोंग और उनके परिवार के व्यक्तिगत खातों में भी हस्तांतरित किया गया।
चेन्नई में मेसर्स इनकेमइंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खाते से बड़ी राशि मेसर्स इमसोंग ग्लोबल ट्रेडिंग कंपनी के जरिए विभिन्न संदिग्ध संस्थाओं में भेजी गई। ये संस्थाएं चेन्नई में मानव बाल के व्यापार में लगी हुई हैं और ईडी ने इन्हें भी कवर किया है। छापेमारी के दौरान इन संस्थाओं से संबंधित दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट जब्त किए गए। ईडी का शक है कि यह पूरा नेटवर्क धन शोधन और विदेशी मुद्रा के अवैध उपयोग के लिए बनाया गया था।





