नसीरुद्दीन शाह के बयान पर सिने एम्प्लॉइज ने जताई नाराजगी, कहा – ‘देश से बड़ा कोई नहीं’

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मुंबई, 30 जून (आईएएनएस)। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) ने मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के एक बयान पर नाराजगी जाहिर की है जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी कलाकार को लेकर विवादों में फंसी फिल्म ‘सरदार जी 3’ को लेकर अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ का समर्थन किया था।

एफडब्ल्यूआईसीई ने कहा कि उन्होंने पहले ही साफ कर दिया था कि भारत में ऐसी किसी फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा, जिसमें पाकिस्तानी कलाकार हों। उन्होंने बताया कि पुलवामा और ऑपरेशन सिंदूर जैसे बड़े आतंकी हमलों के बाद यह नियम बनाया गया था कि कोई भी भारतीय कलाकार या आयोजक किसी पाकिस्तानी कलाकार के साथ काम नहीं करेगा, चाहे वह शो भारत में हो रहा हो या विदेश में।

फेडरेशन ने बताया कि पहले भी दिलजीत दोसांझ को ऐसा ही एक नोटिस भेजा गया था, जब वह विदेश में एक पाकिस्तानी गायक के साथ शो करने वाले थे। उस शो को बाद में कैंसिल करना पड़ा था।

फेडरेशन ने कहा कि जब पाकिस्तान की तरफ से भारत पर हमला हुआ, तब एक पाकिस्तानी कलाकार ने भारतीय लोगों और हमारी सेना को डरपोक और गद्दार कहा था। इसके बाद भी फिल्म के निर्माता या कलाकारों ने कोई बयान नहीं दिया, न ही विरोध किया। जब आप भारत में रहकर कमाई कर रहे हैं, यहां की जनता से प्यार पा रहे हैं, तो आपको भारत की भावनाओं की भी इज्जत करनी चाहिए।

वहीं, दिलजीत दोसांझ के समर्थन वाले नसीरुद्दीन शाह के पोस्ट और ‘कैलासा जाओ’ के बयान पर फेडरेशन ने नाराजगी जताई। दरअसल, नसीरुद्दीन शाह ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया था। इसमें उन्होंने लिखा, ”मैं दिलजीत के साथ मजबूती से खड़ा हूं। जुमला पार्टी की गंदी चालें चलाने वाला विभाग लंबे समय से उन्हें निशाना बनाने का मौका तलाश रहा था और उन्हें अब लगा कि यह मौका मिल गया है। फिल्म की कास्टिंग का फैसला दिलजीत का नहीं था। वह डायरेक्टर का था। लेकिन डायरेक्टर को कोई नहीं जानता, जबकि दिलजीत पूरी दुनिया में जाना जाता है और उसने कास्टिंग इसलिए स्वीकार की क्योंकि उसका मन जहर नहीं था। ये गुंडे असल में भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच सीधा संबंध खत्म करना चाहते हैं। मेरे कुछ करीबी रिश्तेदार और प्यारे दोस्त वहां हैं, और मुझे उनसे मिलने या उन्हें प्यार भेजने से कोई रोक नहीं सकता। और जो लोग कहेंगे – ‘पाकिस्तान जाओ, तो मेरा जवाब होगा तुम कैलासा जाओ।”

इस पर एफडब्ल्यूआईसीई ने कहा है कि शाह जैसे वरिष्ठ कलाकार को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए, क्योंकि इससे देश में झगड़े और गलतफहमियां बढ़ती हैं। उनका कहना है कि अगर शाह को फिल्म देखनी है जिसमें पाकिस्तानी कलाकार हैं, तो वे प्राइवेट तौर पर देख सकते हैं, लेकिन पूरे देश की तरफ से आवाज न बनें।

फेडरेशन ने कहा, “आप कहते हैं कि हमारे रिश्तेदार और दोस्त पाकिस्तान में हैं, हम वहां जाएंगे और उन्हें यहां बुलाएंगे। अरे, यह सब भारत सरकार ने रोका है, आप क्या चीज हैं? जब सारे वीजा कैंसिल कर दिए गए हैं, लोग जो अस्पताल में थे, जो ऑक्सीजन पर थे, उनको भी पाकिस्तान भेज दिया गया था, तो आप सरकार से भी बड़े हैं, देश से बड़े हैं क्या? जिस देश ने आपको स्टार बनाया है, उससे ज्यादा आपके लिए क्या महत्व रखता है?”

एफडब्ल्यूआईसीई ने साफ किया कि जो भी इस तरह की फिल्मों या कलाकारों का समर्थन करेगा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ फिल्म या कलाकार की बात नहीं है, यह भारत की इज्जत और सेना की शान का मामला है।

फेडरेशन ने आखिर में नसीरुद्दीन शाह से गुजारिश की है कि वह सीनियर हैं, उन्हें समझदारी दिखानी चाहिए। इस तरह के बयानों से समाज में तनाव फैलता है और उसका किसी को भी फायदा नहीं होता।