निचली अदालत को निर्देश, 6 महीने में मुख्य आवेदन का निपटारा करें : हसीन जहां के वकील इम्तिहाज अहमद

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कोलकाता, 3 जुलाई (आईएएनएस)। कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्रिकेटर मोहम्मद शमी को पत्नी हसीन जहां को 4 लाख रुपए प्रतिमाह गुजारा भत्ता के तौर पर देने का आदेश दिया है। वहीं, हसीन जहां के वकील इम्तियाज अहमद ने बताया कि न्यायमूर्ति ने निचली अदालत को 6 महीने के अंदर मुख्य आवेदन का निपटारा किए जाने का निर्देश दिया है।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने मोहम्मद शमी को 1.5 लाख रुपए पत्नी हसीन जहां को और 2.5 लाख रुपए उनकी बेटी को देने का आदेश दिया है।

हसीन जहां के वकील इम्तियाज अहमद ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “यह मामला 1 जुलाई, 2025 को उच्च न्यायालय में ‘डिलीवरी ऑफ जजमेंट’ शीर्षक के अंतर्गत आइटम नंबर-2 के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। ऐसे कई मौके आए, जब इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अजय कुमार मुखर्जी ने की और अंततः फैसला सुरक्षित रखा गया।”

उन्होंने आगे कहा, “1 जुलाई, 2025 को ओपन कोर्ट में फैसला सुनाया गया। जहां तक ​​हमारे रिविजनल एप्लिकेशन का संबंध है, हम इस मामले में सफल हुए हैं। न्यायमूर्ति ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि 6 महीने के अंदर मुख्य आवेदन का निपटारा किया जाए और हसीन को 1.50 लाख रुपए तथा बेटी को 2.50 लाख रुपए प्रतिमाह मेंटेनेंस के तौर पर दिए जाएं।”

इससे पहले हसीन जहां ने आईएएनएस से कहा था कि वह इस फैसले से संतुष्ट और खुश हैं। इसके साथ ही हसीन जहां ने बताया कि वह आर्थिक कारणों के चलते बेटी को अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ा पा रही थीं, लेकिन मेंटेनेंस की रकम से अब यह मुमकिन होगा।

हसीन जहां का कहना है कि उन्हें और बेटी को वैसी ही जिंदगी मिलनी चाहिए, जैसी जिंदगी मोहम्मद शमी बिता रहे हैं। हालांकि, उन्होंने मेंटेनेंस की इस रकम को कम बताया है।

इसके साथ ही हसीन जहां ने कहा कि मोहम्मद शमी में घमंड आ गया है। जब यह घमंड टूटेगा, तब पत्नी और बच्ची की याद आएगी। हसीन जहां ने बताया है कि वह घमंड के चलते उनसे कोई संपर्क नहीं करते हैं।

हसीन जहां ने साल 2018 में मोहम्मद शमी और उनके परिवार पर घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न के अलावा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी।