नोएडा, 1 सितंबर (आईएएनएस)। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के बाद अब खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी प्रशासन सतर्क मोड में आ गया है।
हथिनीकुंड बैराज से करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिसकी वजह से डूब क्षेत्र और निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका और भी बढ़ गई है। ऐसे हालात को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सेक्टर-135 स्थित नगला वाजिदपुर की गौशाला से सैकड़ों मवेशियों का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
अथॉरिटी के एसीईओ संजय खत्री ने जानकारी दी कि अब तक गौशाला से लगभग 800 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है। इन मवेशियों को नोएडा के ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया है, जहां उनके लिए चारे और पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि मवेशियों की देखभाल और निगरानी के लिए 30 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही एक मैनेजर की भी विशेष रूप से तैनाती की गई है ताकि हालात पर लगातार नजर रखी जा सके और किसी तरह की लापरवाही न हो।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए मानव बस्तियों में भी खतरा हो सकता है। ऐसे में निचले इलाकों और डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं।
नोएडा अथॉरिटी का कहना है कि मवेशियों के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा भी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालात पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है। आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट कर दिया गया है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। बाढ़ जैसे हालातों के बीच अथॉरिटी की इस तत्परता ने लोगों और पशुओं दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाई है। प्रशासन का कहना है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक लगातार राहत और बचाव कार्य जारी रहेंगे।