ओडिशा: भाजपा ने चुनाव आयोग से की कांग्रेस उम्मीदवार की शिकायत, नामांकन रद्द करने की मांग

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भुवनेश्वर, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य चुनाव आयोग में याचिका दायर कर नुआपाड़ा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार घासीराम माझी का नामांकन रद्द करने की मांग की है।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने हलफनामे में जानबूझकर अपने आपराधिक मामलों का विवरण छुपाया है।

भाजपा के अनुसार, माझी के खिलाफ नुआपाड़ा पुलिस स्टेशन में दो आपराधिक मामले (संख्या 146/2022 और संख्या 10/2018) लंबित हैं और वर्तमान में एसडीजेएम की अदालत में सुनवाई चल रही है। माझी ने 2024 के आम चुनावों के दौरान अपने हलफनामे में इन मामलों का उल्लेख किया था, लेकिन उन्होंने मौजूदा उपचुनाव के लिए प्रस्तुत हलफनामे में जानबूझकर इन्हें छोड़ दिया है।

भाजपा ने कहा कि यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125-ए के तहत दंडनीय अपराध है और उनके नामांकन को रद्द करने के साथ-साथ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जतिन मोहंती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। कांग्रेस ने अपनी मूल विचारधारा और संवैधानिक मूल्यों को बहुत पहले ही त्याग दिया है।

डॉ. मोहंती ने कहा कि कांग्रेस अपराधियों और असामाजिक तत्वों की शरणस्थली बन गई है। इसके नेताओं को अब अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को छिपाने में कोई शर्म नहीं आती। नुआपाड़ा उपचुनाव इसका एक और ज्वलंत उदाहरण है।

उन्होंने आगे कहा कि चुनावी हलफनामों में आपराधिक जानकारी छिपाना एक ‘गंभीर और अक्षम्य अपराध’ है और चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया।

वहीं, बीजू जनता दल (बीजद) ने नुआपाड़ा के भाजपा उम्मीदवार जय ढोलकिया और जिले के एक शैक्षणिक संस्थान के अधिकारियों के खिलाफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के पास शिकायत दर्ज कराई है। बीजद ने इन पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

पार्टी ने मामले की जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वरिष्ठ बीजद नेता लेनिन मोहंती ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “बीजू जनता दल की टीम ने ओडिशा के सीईओ से मुलाकात कर शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।”

उन्होंने कहा कि मैंने नुआपाड़ा में एक जगह का दौरा किया। मुझे बताया गया कि गोंड समाज से कुछ ऐसे वादे किए गए जो नित्यानंद गोंड को नहीं करने चाहिए थे। इसके अलावा चुनाव प्रचार के लिए शैक्षणिक संस्थान का इस्तेमाल किया गया।