भुवनेश्वर, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन’ को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि ये दोनों योजनाएं देश की कृषि व्यवस्था को एक नई दिशा देंगी और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगी।
सीएम माझी ने कहा, “आज प्रधानमंत्री ने हमारे अन्नदाताओं के लिए दो बड़ी योजनाएं समर्पित की हैं। ये पहल न सिर्फ उत्पादन बढ़ाएंगी, बल्कि किसानों को आय बढ़ाने में भी मदद करेंगी।”
उन्होंने जानकारी दी कि योजना के पहले चरण में ओडिशा के चार जिलों (कंधमाल, मलकानगिरी, सुंदरगढ़ और नुआपाड़ा) में इसे लागू किया जाएगा। यह योजना देशभर के 100 जिलों में शुरू हो रही है।
मोहन चरण माझी ने कहा, “इस कार्यक्रम की शुरुआत तुरंत की जाएगी और इसे कई वर्षों तक चलाया जाएगा। इसके लिए सालाना 24,000 रुपए करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।”
मुख्यमंत्री ने योजना के मुख्य उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि इसमें उत्पादकता बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से उचित दाम दिलाने, भंडारण और विपणन ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा, “इससे किसान केवल धान पर निर्भर नहीं रहेंगे और अन्य फसलों की ओर भी बढ़ सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।”
मुख्यमंत्री माजीं ने मत्स्य क्षेत्र से जुड़ी दो बड़ी परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। पहली है 100 करोड़ रुपए की लागत से संबलपुर के बसंतपुर में बनने वाला एकीकृत एक्वा पार्क और दूसरी है 60 करोड़ रुपए की लागत से भुवनेश्वर के पांडरा में बनने वाली आधुनिक मछली मंडी।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं ओडिशा में ‘ब्लू रिवोल्यूशन’ को गति देंगी, जिससे उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के आने के बाद से कृषि और किसान कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पीएम किसान, एमएसपी और राज्य की विभिन्न योजनाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार की समृद्ध कृषक योजना के तहत किसानों को प्रति क्विंटल 3,100 रुपए एमएसपी के साथ इनपुट सहायता भी दी जा रही है। महिला किसानों को सीधे आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है और कृषि निवेश पर जीएसटी छूट से लागत कम हो रही है।
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा, “धन-धान्य कृषि योजना और आत्मनिर्भरता मिशन हमारे किसान परिवारों के लिए समृद्धि लाएंगे, राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे और भारत को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे।”
वहीं, कटक जिले के एक प्रगतिशील किसान निगम चंद्र साहू ने इस पहल को किसानों के सशक्तीकरण और कृषि परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
साहू ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री द्वारा आज की शुरुआत भारत के किसानों के लिए एक नई शुरुआत है। यह एक दूरदर्शी पहल है जो हमारे देश को आगे ले जाएगी और लाखों किसान परिवारों का उत्थान करेगी।”
उन्होंने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों के लिए उनका धन्यवाद किया और कहा, “किसी अन्य नेता ने किसानों के कल्याण के प्रति इतनी गहरी समझ और प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है। जीएसटी समायोजन और सहायता योजनाओं सहित उनके सुधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वास्तविक विकास को गति दे रहे हैं।”
पहले चरण में ओडिशा के शामिल होने के बारे में बात करते हुए, साहू ने कहा, “यह गर्व की बात है कि इस योजना के तहत ओडिशा के चार जिलों का चयन किया गया है। इससे हमारे किसानों को फसलों में विविधता लाने और आधुनिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।”
दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन के बारे में, साहू ने कहा, “यह एक महत्वपूर्ण कदम है। दलहन की खेती को बढ़ावा देने से किसानों के लिए आय के नए स्रोत खुलेंगे, आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत दलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। इससे हमारी वित्तीय स्थिरता मजबूत होगी।”
ओडिशा के भविष्य के बारे में आशा व्यक्त करते हुए, साहू ने कहा, “मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में, ओडिशा के किसानों को इस पहल से बहुत लाभ होगा। ये योजनाएं न केवल उत्पादकता में सुधार लाएंगी, बल्कि ग्रामीण परिवारों के लिए बेहतर आय और समृद्धि भी सुनिश्चित करेंगी।”
उन्होंने अंत में कहा, “यह भारतीय कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। प्रधानमंत्री और राज्य सरकार के निरंतर समर्थन से, हम जैसे किसान एक उज्ज्वल, आत्मनिर्भर भविष्य के प्रति आश्वस्त हैं।”