भुवनेश्वर, 1 अगस्त (आईएएनएस)। ओडिशा सरकार ने आधिकारिक तौर पर बालासोर, भद्रक और जाजपुर को बाढ़ प्रभावित जिला घोषित किया है। वहीं मयूरभंज और केंद्रपाड़ा जिला भी बाढ़ की गंभीर स्थिति से जूझ रहा हैं।
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला और ओडिशा में हाल ही में आई बाढ़ की गंभीरता को कम करके आंकने, लापरवाही, अपर्याप्त योजना और लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा, “सरकार जमीनी स्तर पर संकट का जवाब देने में पूरी तरह विफल रही है। लोग भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवा के बिना तड़प रहे हैं। यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है; यह शासन की मानव निर्मित विफलता है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के हवाई सर्वेक्षणों पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “हम जानना चाहते हैं कि क्या मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा लोगों की दुर्दशा समझने के लिए कर रहे थे या सिर्फ़ एक पर्यटक के तौर पर हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। अगर ऐसे सर्वेक्षणों के बाद भी लोगों को बुनियादी राहत नहीं मिल रही है, तो इन दौरों का क्या फायदा है?”
भक्त चरण दास ने कहा कि सरकार का यह दावा कि बाढ़ से आठ ब्लॉकों के केवल 30,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जो जमीनी हकीकत को नहीं दर्शाता।
उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सभी जिलों में समीक्षा बैठक आयोजित नहीं की और न ही मंत्रियों को प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने का निर्देश दिया। दास ने पूछा, “क्या हताहतों, फसलों के नुकसान या कृषि भूमि के विनाश का कोई उचित मूल्यांकन हुआ है?”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को प्रदान की गई वित्तीय सहायता और किए गए खर्च का खुलासा करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। किसानों और बटाईदारों के लिए विशेष पैकेज और प्रभावित किसानों के लिए तत्काल फसल बीमा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “मयूरभंज समेत कम से कम पांच जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं, लेकिन सरकार ने सिर्फ तीन जिलों को ही स्वीकार किया है। नुकसान का आकलन तीन जिलों से आगे बढ़कर पांच प्रभावित जिलों के सभी ब्लॉकों तक किया जाना चाहिए और उसके अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए।”
वहीं ओडिशा सरकार ने इन जिलों के कलेक्टरों को नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिया है। इन रिपोर्टों के आधार पर सहायता प्रदान की जाएगी। बचाव कार्यों में सहायता के लिए अतिरिक्त रिजर्व टीमें और रसद भी तैयार रखी गई हैं।