नई दिल्ली/रायपुर, 26 जून (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मशहूर हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र दुबे ने छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। जीवनपर्यंत उन्होंने समाज को हंसी का उजास दिया, लेकिन आज उनका जाना हम सभी को गहरे शोक में डुबो गया है।
सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”छत्तीसगढ़ी साहित्य व हास्य काव्य के शिखर पुरुष, पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। अचानक मिली उनके निधन की सूचना से स्तब्ध हूं। अपने विलक्षण हास्य, तीक्ष्ण व्यंग्य और अनूठी रचनात्मकता से उन्होंने न केवल देश-विदेश के मंचों को गौरवान्वित किया, बल्कि छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। जीवनपर्यंत उन्होंने समाज को हंसी का उजास दिया, लेकिन आज उनका जाना हम सभी को गहरे शोक में डुबो गया है। उनकी जीवंतता, ऊर्जा और साहित्य के प्रति समर्पण सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों और असंख्य प्रशंसकों को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करें।”
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने लिखा, ”सुरेंद्र जी जीवन भर मुस्कान बांटते रहे, आज आंखें नम कर गए। छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर विश्व मंच तक अपनी विशिष्ट कविताओं से पहचान बनाने वाले महान कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोक संतप्त परिजनों और उनके असंख्य प्रशंसकों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें। आपकी कविताएं सदैव हमारे हृदय में जीवित रहेंगी।”
छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हास्य कवि सुरेंद्र दुबे के निधन पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा, ”सारे विश्व में छत्तीसगढ़ का परचम लहराने वाले हमारे प्रिय कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे के आकस्मिक देहांत के समाचार से मन व्यथित और स्तब्ध है। जीवन पर्यंत सभी को हंसाने वाले दुबे जी इस प्रकार हम सभी को अश्रुपूरित आंखों के साथ छोड़ जाएंगे, यह कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, उनका देहांत पूरे साहित्य जगत व मंचीय कविता के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को श्रीधाम में स्थान और शोकाकुल परिजनों व प्रशंसकों को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करें।”
उनके निधन पर मशहूर कवि कुमार विश्वास ने दुख जताते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, ”छत्तीसगढ़ी भाषा व संस्कृति के वैश्विक राजदूत, मुझे सदैव अनुजवत स्नेह देने वाले, बेहद ज़िंदादिल मनुष्य, कविश्रेष्ठ पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन सम्पूर्ण साहित्य-जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। मेरे हृदय के रायपुर का एक हिस्सा, आपकी अनुपस्थिति को सदैव अनुभव करेगा भैया। प्रिय आशुतोष दुबे व पूरे परिवार को ईश्वर इस आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
कवियत्री अनामिका जैन अंबर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”प्रख्यात व्यंग्यकार, अप्रतिम कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे जी के निधन का समाचार स्तब्ध और शोकाकुल करने वाला है। उनकी लेखनी ने समाज को हंसाते हुए कटु सत्य का साक्षात्कार कराया। मुझे परिवार का हिस्सा मानने वाले अनुज वधू का सम्मान देने वाले श्रद्धेय सुरेंद्र दुबे जी सदैव स्मृतियों में रहेंगे। शशि दीदी, आशुतोष दुबे, पूरे परिवार व प्रशंसकों को ये दुख सहने की शक्ति मिले। यह हिंदी साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।”
हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का गुरुवार को निधन हो गया। 72 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। सुरेंद्र दुबे ने देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी कविताओं से सबका दिल जीता। उन्हें भारत सरकार ने साल 2010 में देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया था।