ओटावा
पाकिस्तान के बाद अब कनाडा भारत में हत्या समेत कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल खालिस्तानी आतंकवादियों और गैंगस्टरों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है. पिछले साल 29 मई को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी, इस हत्याकांड में भी कनाडा कनेक्शन सामने आया था. सिद्धू की हत्या के मास्टरमाइंड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने कनाडा में बैठकर ही पूरी साजिश रची थी. इतना ही नहीं खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के अलावा लखबीर सिंह उर्फ लांडा, चरणजीत सिंह, उर्फ रिंकू रंधावा; अर्शदीप सिंह, उर्फ अर्श डाला; और रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज जैसे खूंखार गैंगस्टर ने भी कनाडा की पनाह ले रखी है.
इसी साल NIA ने जालंधर में एक हिंदू पुजारी की हत्या के मामले में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. हालांकि, इसके कुछ दिनों बाद ही जून में निज्जर की कनाडा में गोली मारकर अज्ञात बदमाशों ने हत्या कर दी. निज्जर कनाडा में रह रहा था और भारत में 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन के जरिए खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था. अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ बताया है. हालांकि, भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है.
इसके अलावा खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी कनाडा में खुलेआम घूम रहा है. वह 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन चलाता है. पन्नू का मकसद भारत में आतंकवाद फैलाना है. किसान आंदोलन के दौरान उसने कई वीडियो जारी कर लोगों से लाल किले समेत सरकारी इमारतों पर हमला करने के लिए कहा था. पन्नू ने कनाडा में कई जनमत संग्रह भी कराए हैं.
कनाडा में छिपे ये 7 गैंगस्टर
पिछले दिनों पंजाब पुलिस ने 3 मामलों में 7 ऐसे गैंगस्टर को नामित किया था, जो कनाडा में छिपे हैं, जिसमें पिछले साल मई में मोहाली में खुफिया मुख्यालय पर हमला, 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या और कनाडा के सरे में रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के केस शामिल हैं.
पंजाब पुलिस ने जिन गैंगस्टर का नाम शामिल किया था, उनमें लखबीर सिंह उर्फ लांडा, गोल्डी बराड़, चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू रंधावा, अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला और रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज, गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा डल्ला और सुखदुल सिंह उर्फ सुखा शामिल हैं. बाबा और सुखा टारगेट किलिंग के मामले में आरोपी हैं. इसके अलावा कनाडा में छिपे गुरविंदर सिंह, सनवर ढिल्लन, सतवीर सिंह वारिंग भी NIA की रडार पर हैं.
चार के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी
भारत सरकार ने इन 7 गैंगस्टर में से चार के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया है. कनाडा द्वारा इन गैंगस्टर के उनके देश में होने की पुष्टि के बाद प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू हो सकती है. हालांकि, यह इतना आसान नहीं है. क्योंकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां कई बार इन गैंगस्टर के कनाडा में छिपे होने के सबूत दे चुकी हैं. हालांकि, कनाडा की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुराने मामले भी देखे जाएं, तो कनाडा से सहयोग की ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती. क्योंकि जस्सी ऑनर किलिंग मामले में अपराध के 18 साल बाद कनाडा ने दो आरोपियों का प्रत्यर्पण किया था.
कनाडा में बढ़ रहीं खालिस्तानी गतिविधियां
कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियां पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी हैं. कनाडा में कई हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं. इतना ही नहीं कनाडा में भारतीय दूतावास पर भी हमले हुए थे. जब कनाडा के पीएम ट्रूडो जी-20 में शामिल होने के लिए भारत आए थे, तब सरे में पन्नू ने जनमत संग्रह कराया था. ट्रूडो के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भी पीएम मोदी ने कनाडा में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों का मुद्दा उठाया था और कार्रवाई की मांग की थी.