जम्मू, 30 जुलाई (आईएएनएस)। संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को तीखी नोक-झोंक देखने को मिली। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कई सवाल उठाए, जिसका जवाब प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में दिया।
वहीं, पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक बयान में कहा था कि पहलगाम हमले के आतंकी पाकिस्तान से आए थे, इसका कोई सबूत नहीं है। उनके इस बयान की जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता विपक्ष सुनील शर्मा ने आलोचना की है।
आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चिदंबरम का सेना की आलोचना करने का रिकॉर्ड रहा है। आज दुनिया भारतीय सेना का लोहा मानती है, जबकि चिदंबरम विदेशी ताकतों, विशेषकर पाकिस्तान को खुश करने के लिए देश के खिलाफ बयान दे रहे हैं। इसकी वजह पाकिस्तान में कांग्रेस के नेताओं की सराहना होना है। कांग्रेस विदेशी तुष्टिकरण की मानसिकता से ग्रसित है और इसी वजह से ऐसे बयान पार्टी के नेता देते रहते हैं। देश जब भी मुश्किल में होता है, तो ये लोग ऐसे बयान देते हैं।
सुनील शर्मा ने सीजफायर को लेकर कहा कि यह एक बड़ा निर्णय होता है, इसमें सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की जो समिति होती है, उसकी राय ली जाती है। आर्मी, सीडीएस, एनएसए सबकी राय ली जाती है। सीजफायर किसी एक व्यक्ति का निर्णय नहीं होता है। जहां तक बात इच्छाशक्ति की है, तो प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को दिखा दिया था कि भारत क्या कर सकता है।
प्रियंका गांधी पर शर्मा ने कहा, “प्रियंका गांधी को इतिहास की जानकारी नहीं है। वह बड़ी नेता हैं और उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्हें पता नहीं कि पीओके और अक्साई चिन कांग्रेस की ही देन है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने किसी विदेशी ताकत के दबाव में काम नहीं किया और पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।”
उन्होंने अखिलेश यादव, लालू यादव, ममता बनर्जी को भी कांग्रेस की मानसिकता वाला बताया और उन पर भी देश और सेना के खिलाफ बयान देने का आरोप लगाया।