नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर आयोग और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच किसी मतभेद की सभी अटकलों को काल्पनिक बताकर खारिज कर दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर कोई टकराव नहीं है। सभी संवैधानिक संस्थाएं संविधान के अनुसार अपना कार्य करती हैं। एसआईआर कराने की तैयारी करके, चुनाव आयोग अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहा है और इसी तरह, प्रत्येक राज्य सरकार भी अपना कर्तव्य निभाएगी।”
उनकी यह प्रतिक्रिया पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा एसआईआर के संभावित प्रतिरोध के बारे में पूछे गए एक सवाल के बाद आई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का विरोध किया है। ज्ञानेश कुमार ने संकेत दिया कि राज्य सरकारों और उनके विभागों द्वारा एसआईआर के प्रयासों में शामिल न होने की कोई संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि सभी संवैधानिक संस्थाओं की तरह, राज्य सरकारें भी एसआईआर के संचालन और चुनाव कराने के लिए कार्मिक और सुरक्षा सहित सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं। बिहार एसआईआर में चुनाव आयोग द्वारा सीखे गए सबक को आगे बढ़ाते हुए, इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस प्रक्रिया के लिए कुछ अतिरिक्त निर्देश भी जारी किए जाएंगे।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रक्रिया के संचालन के विचार के ही खिलाफ है। टीएमसी लगातार यह दावा कर रही है कि एसआईआर केंद्र सरकार और भाजपा द्वारा राज्य में एनआरसी लागू करने की एक अप्रत्यक्ष चाल है।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह में कोलकाता में एक विशाल एसआईआर विरोधी रैली आयोजित होने की संभावना है। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव एवं लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी होंगे।
इस महीने की शुरुआत में, मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा था कि वह मतदाता सूची संशोधन के बाद किसी खास समुदाय के मतदाताओं के नाम काटे जाने को बर्दाश्त नहीं करेंगी।













