पीएम मोदी ने एससीओ समिट के सफल आयोजन के लिए चीनी राष्ट्रपति का जताया आभार

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तियानजिन, 1 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जापान और चीन की सफल यात्रा पूरी करने के बाद तियानजिन से स्वदेश के लिए रवाना हो गए। जापान में पीएम मोदी ने 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इसके अलावा, उन्होंने चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में भी हिस्सा लिया।

पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और वहां की जनता का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”चीन की एक सफल यात्रा का समापन, जहां मैंने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया और विभिन्न विश्व नेताओं से बातचीत की। साथ ही प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भारत के रुख पर भी जोर दिया। इस शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग, चीनी सरकार और जनता का आभार।”

इसके साथ ही पीएम मोदी ने चीन के तियानजिन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन संग वार्ता को लेकर भी एक्स पर पोस्ट किया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पुतिन संग फोटो शेयर करते हुए लिखा, ”तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक शानदार बैठक हुई। व्यापार, उर्वरक, अंतरिक्ष, सुरक्षा और संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के उपायों पर चर्चा हुई। हमने यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान सहित क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है।”

इससे पहले पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। पुतिन संग द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने दोनों देशों की दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी भारत और रूस हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर चले हैं। हमारा करीबी सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए, बल्कि विश्व में शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग पर कहा कि हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा करते रहे हैं। हाल ही में हम शांति के लिए सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। हम आशा करते हैं कि सभी पक्ष रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेंगे। संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता खोजना होगा। यह पूरी मानवता की पुकार है।