नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि राजधानी के प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारी सरकार प्रदूषण को इमरजेंसी मिशन की तरह मानकर उसे नियंत्रण में लाने का गंभीर प्रयास कर रही है।
सीएम ने कहा कि प्रदूषण को लेकर लापरवाही बरतने वाले सरकारी संस्थानों को अब बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) को निर्देश दिए गए हैं कि प्रदूषण और सफाई में कोताही बरतने वाले सरकारी संस्थानों का चालान काटकर भारी जुर्माना वसूला जाए। उन्होंने यह भी आदेश दिए हैं कि बिना इजाजत रोड कटिंग करने और उसे न भरने वाले सरकारी संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। प्रदूषण को लेकर एक बड़ी समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को तेज गति से कार्य करने के भी आदेश दिए और कहा कि प्रदूषण नियंत्रण में सबकी भागीदारी जरूरी है।
दिल्ली सचिवालय में बुधवार को प्रदूषण नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ जारी कार्रवाइयों की समीक्षा की गई और आने वाले दिनों में युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए गए।
इस बैठक में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, मुख्य सचिव राजीव वर्मा सहित पीडब्ल्यूडी, दिल्ली नगर निगम, डीडीए, पर्यावरण व वन, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली मेट्रो, एनबीसीसी, ऊर्जा, डूसिब आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण को लेकर लंबी लड़ाई तो लड़नी ही होगी, लेकिन फौरी तौर पर प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए उठाए जा रहे लगातार व प्रभावी उपायों को भी और तेज किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए इमरजेंसी मिशन की तरह कार्य कर रही है। संबंधित विभागों को आदेश जारी किए गए हैं कि अगले 72 घंटों के भीतर सभी गड्ढों (पॉटहोल्स) की पहचान कर उन्हें भरा जाए। सड़कों का रखरखाव करने वाले विभागों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी सड़क टूटी नहीं रहनी चाहिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि कुछ विभाग प्रदूषण को लेकर जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्होंने बैठक में ही डीपीसीसी अधिकारियों को आदेश दिए कि प्रदूषण में लापरवाही और साफ-सफाई को लेकर कोताही बरतने वाले सरकारी विभागों के खिलाफ चालान काटा जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी आदेश दिए कि बिना इजाजत रोड कटिंग करने और उसे न भरने वाले सरकारी संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि इस कोताही के लिए विभाग के प्रमुख को जिम्मेदार माना जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी एजेंसी को बख्शा नहीं जाएगा, न सरकारी और न ही निजी एजेंसियों को। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ हमें युद्धस्तर पर कार्य करना होगा और इसमें सरकार और विभिन्न विभागों के अलावा आम जन को भी भागीदारी निभानी होगी।
मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी को आदेश दिया है कि अपने अधीन 1400 किलोमीटर सड़कों के दायरे में सभी गड्ढों की पहचान कर उन्हें रिकॉर्ड समय में ठीक करें। सभी डेटा ऐप के माध्यम से बिफोर और आफ्टर फोटोग्राफ्स सहित अपलोड किए जाएं। उन्होंने बैठक में डीडीए को आदेश जारी किए कि वह अपनी सड़कों पर सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रखे, अपनी खाली पड़ी जमीनों से कूड़े को तुरंत हटाए और अपनी मार्केट को तुरंत एमसीडी को हस्तांतरित करे ताकि वहां सफाई अभियान सुचारू रहे।
बैठक में दिल्ली मेट्रो को स्पष्ट रूप से कहा गया कि वह अपनी एलिवेटेड लाइनों के नीचे की सड़कों को तुरंत प्रभाव से ठीक करे और धूल नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय करे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि अब कोई भी देरी स्वीकार नहीं होगी। दिल्ली की सड़कों को साफ, हरित और धूल-मुक्त बनाना ही प्रदूषण के खिलाफ हमारी सबसे बड़ी लड़ाई है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि ‘311 ग्रीन ऐप’ को एक नोडल प्लेटफॉर्म के रूप में और अधिक सशक्त किया जा रहा है, जिससे ग्रीन वॉर रूम के माध्यम से गड्ढों, ब्राउन एरिया और डस्ट हॉटस्पॉट्स की मॉनिटरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि अगले छह महीनों के लिए एक समग्र कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिसके अंतर्गत धूल उड़ने वाले ‘ब्राउन एरिया’ को चिह्नित कर वहां पर धूल-मुक्त और हरित उपाय लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बीएस-IV से नीचे के वाहनों पर सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री की पहल पर, लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए ई-ऑटो को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोग मेट्रो का उपयोग कर सकें।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मिस्ट स्प्रे सिस्टम तकनीक के माध्यम से डस्ट मिटिगेशन के अच्छे परिणाम सामने आए हैं और अब इसे पूरे दिल्ली में व्यापक रूप से लागू किया जाएगा। एमसीडी को भी आदेश दिया गया है कि अपनी 8000 किलोमीटर की सड़कों को पॉट-होल फ्री और डस्ट-फ्री बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। 1000 वैक्यूम बेस्ड लिटर पिकर्स और 100 मैकेनिकल रोड स्वीपर्स (एमआरएस) अगले 45 दिनों में काम पर लगाए जाएंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि अगले कुछ महीनों में दिल्ली के अधिकांश डंप साइट्स को पूरी तरह से साफ कर दिए जाने का लक्ष्य है। साथ ही, सभी निर्माण स्थलों को 48 घंटों में फेंसिंग और प्रदूषण नियंत्रण नियमों के अनुपालन के लिए बाध्य किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को साफ और प्रदूषण-मुक्त बनाना हमारी साझा जिम्मेदारी है। चाहे कोई भी एजेंसी हो या उद्योग, नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक एक्सपर्ट व उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जा रहा है, जो लगातार प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए कार्य करेगी। इस कमेटी में सरकार के संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा आईआईटी व पर्यावरण से जुड़े विशेषज्ञ को शामिल किया जा रहा है। इस कमेटी को सरकार की ओर से विशेष अधिकार भी दिए जा रहे हैं।

