पंजाब: जीरकपुर में नाबालिग बच्चों की पिटाई पर बाल आयोग सख्त, एसएसपी को नोटिस जारी

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जीरकपुर, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। पंजाब के जीरकपुर में पांच नाबालिग बच्चों को चोरी के आरोप में दुकानदारों द्वारा पीटने के मामले पर पंजाब बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को नोटिस जारी कर 27 अक्टूबर तक कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

यह मामला उस समय चर्चा में आया जब 24 अक्टूबर को एक टीवी चैनल ने एक रिपोर्ट प्रसारित की, जिसमें दावा किया गया कि जीरकपुर क्षेत्र में कुछ दुकानदारों ने चोरी के संदेह में पांच नाबालिग बच्चों को पकड़कर पहले नग्न किया और फिर बेरहमी से पीटा।

इसके बाद इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। मामले का वीडियो पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक पहुंच गया।

आयोग ने इसे बच्चों के मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार अस्वीकार्य है। इसके बाद आयोग ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

आयोग ने मोहाली एसएसपी को आदेश दिया है कि जांच अधिकारी को 27 अक्टूबर सुबह 11 बजे आयोग के समक्ष पुलिस फाइल सहित उपस्थित कराया जाए ताकि अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया जा सके।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के अधिकारों से जुड़ी ऐसी घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी आरोपी हैं, उनकी जल्द से जल्द पहचान कर गिरफ्तार किया जाए। शहर में इस तरह की घटनाएं न हों, इसका भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन राज्य सरकार ने भारत सरकार के बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 17 के तहत किया था। आयोग को किशोर न्याय अधिनियम, 2015, पॉक्सो अधिनियम, 2012, और शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के पालन की निगरानी का अधिकार प्राप्त है। अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत आयोग को बाल अधिकारों के उल्लंघन पर शिकायतों की जांच और स्वतः संज्ञान लेने का अधिकार है, जबकि धारा 14 के तहत उसे सिविल न्यायालय के समान अधिकार प्राप्त हैं।