भोपाल
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) प्रदेश में पहली बार हरियाणा की तर्ज पर सड़कों पर ड्यूरापेचर मशीन से पैचवर्क कराएगा। इसे लेकर विभाग ने तैयारियां कर ली है। भोपाल की सड़कों पर ड्पयूरापेचर मशीन से मरम्मत का पहला प्रयोग होगा। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी इस प्रयोग के तहत एक एप भी बनाएगा और इसके जरिए आमजन गड्ढों की शिकायत भी कर सकेंगे। इस पर तत्काल एक्शन लिया जाएगा और सड़क को गड्ढा मुक्त किया जाएगा।
इतना ही नहीं, इस एप में जुड़े विभाग के अधिकारी शिकायतों की मॉनीटरिंग भी करेंगे और मौके पर जाकर क्रॉस चैक करेंगे कि वाकई में एजेंसी ने सड़क ठीक की है या नहीं? इसको लेकर करीब डेढ़ माह पहले पीडब्ल्यूडी के 3 इंजीनियरों की टीम हरियाणा जाकर आई और वहां पर सड़कों को लेकर स्टडी की थीं।
होगी समय और मटेरियल की भी बचत
इस मशीन के उपयोग से समय और मटेरियल की भी बचत हो सकेगी। खराब सड़कों की मॉनिटरिंग करने के लिये जो एप बनाया गया है उन पर आम जनता भी सीधे जुड़ कर अपने क्षेत्र की सड़क की शिकायत कर सकेगी। ऐसा अभी हरियाणा में होता है। इसी कांसेप्ट को अपनाकर भोपाल में सड़कों को 24 घंटे में सुधारा जाएगा। भोपाल के बाद विदिशा, रायसेन, राजगढ़, नर्मदापुरम और हरदा में भी काम होगा। गौरतलब है कि पीडब्ल्यूडी इन जगह 2,340 किमी जर्जर सड़कों पर पैचवर्क करेगा।
यह फायदा होगा
पीडब्ल्यूडी विभाग को इस मशीन के आने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एजेंसी को काम के बाद भुगतान करना होगा। जहां भी सड़क खराब होगी या गड्ढा होगा, वहां एजेंसी को 24 घंटे में पैचवर्क करना होगा। दूसरी तरफ जनता को भी सड़कों की मरम्मत के लिए इंतजार नहीं करना होगा, अब ये एक दिन में ठीक होंगी। लोग एप के द्वारा बता सकेंगे कि कहां गड्ढे हैं। इसके बाद यह कब दुरुस्त होंगे, यह भी पता चल सकेगा। एजेंसी पैचवर्क कर अफसरों को सूचना देनी होगी। इसका क्रॉस चैक भी कराया जा सकेगा।
ड्यरापेचर मशीन को हमने मॉडल के तौर पर चुना है। इसके पहले चरण के काम के लिये पहले भोपाल को चुना है। बाद में अन्य जिलों में भी काम कराएंगे। हमारी टीम हरियाणा जाकर स्टडी करके आई है। संजय मस्के, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी (रोड)