जोधपुर, 6 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर शनिवार को राजस्थान के जोधपुर दौरे पर रहीं, जहां उन्होंने सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया।
रहाटकर ने कहा, “बड़ी संख्या में जेल में महिलाएं हैं, कुछ की सजा तय हो गई है, जबकि कुछ की बाकी है। जेल में महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं की जांच की गई। महिला कैदियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के केस ज्यादा आते हैं।”
उन्होंने बताया, “जनसंख्या के अनुसार ही मुकदमों की संख्या होती है। देखा गया है कि परिवार के विवाद से ही महिलाओं को ज्यादा तकलीफ होती है। उन विवादों को तुरंत सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।”
उन्होंने महिला कानूनों से दूसरों को प्रताड़ित करने के मामले पर कहा, “कानून महिलाओं के संरक्षण के लिए है तो उसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। आज भी देश में अनेक ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें कानून से ही उम्मीदें हैं। कुछ महिलाएं गलतियां करती हैं, लेकिन उनकी गलतियों का बुरा परिणाम अन्य महिलाओं पर नहीं पड़ना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “कानून तो सभी के लिए होता है, लेकिन इसका दुरुपयोग भी होता है। वर्षों से महिलाओं को उत्पीड़न सहित अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। महिला और पुरुष एक रथ के दो पहिए हैं। कुछ महिलाएं मेरे पास आईं, कुछ मामलों में तत्काल निर्देश दिए गए हैं, उन्हें तत्काल न्याय देने का प्रयास करेंगे।”
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल व कैबिनेट मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहाटकर से मुलाकात की।
राहटकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “शनिवार सुबह जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचकर निरीक्षण किया। महिला कैदियों से संवाद कर उनकी समस्याओं व आवश्यकताओं की जानकारी ली तथा उन्हें अधिकारों के प्रति जागरूक किया। जेल अधीक्षक से भी चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए गए। मैंने महिला बंदियों को कहा कि वे किसी भी प्रकार की समस्या या शोषण की स्थिति में शिकायत करने से न डरें।”