रॉबर्ट ग्रीम पोलक : डॉन ब्रैडमैन से होती थी तुलना, रंगभेद नीति ने खत्म कर दिया करियर

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नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। क्रिकेट जगत में ‘पोलक परिवार’ ने अपनी खास जगह बनाई है। इसी परिवार से शॉन पोलक ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने साउथ अफ्रीका की कमान संभाली। हालांकि, शॉन से पहले उनके चाचा रॉबर्ट ग्रीम पोलक क्रिकेट जगत में अपनी गहरी छाप छोड़ चुके थे।

27 फरवरी 1944 को डरबन में जन्मे रॉबर्ट ग्रीम पोलक ने दिसंबर 1963 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। ये वो दौर था, जब साउथ अफ्रीकी टीम ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसी चुनिंदा टीमों के साथ ही क्रिकेट खेला करती थी।

ग्रीम पोलक डेब्यू मैच में उस प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे, जिसमें उनके बड़े भाई पीटर पोलक भी मौजूद थे। वही पीटर पोलक, जिनके बेटे शॉन पोलक ने आगे चलकर साउथ अफ्रीकी टीम की कप्तानी भी की।

बाएं हाथ के बल्लेबाज ग्रीम पोलक ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में सिर्फ 23 टेस्ट मुकाबले खेले, जिसकी 41 पारियों में 60.97 की औसत के साथ 2,256 रन बनाए। इसमें 7 शतक और 11 अर्धशतक शामिल थे।

टेस्ट इतिहास में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी औसत के मामले में डॉन ब्रैडमैन (99.94), कामिंदु मेंडिस (62.66) और एडम चार्ल्स (61.87) ही ग्रीम पोलक से आगे हैं।

पोलक एक ताकतवर बल्लेबाज थे। टाइमिंग उनकी सबसे बड़ी खूबी थी। महज 16 साल की उम्र में पहला फर्स्ट-क्लास शतक जड़ने वाले पोलक ने 19 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट शतक लगाया था।

ग्रीम पोलक ने अपने तीसरे ही मुकाबले में 122 रन की पारी खेली। अगले मैच में 175 रन जड़े। यह दोनों मुकाबले ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेले गए थे। दिसंबर 1966 में खेले गए टेस्ट मैच में उन्होंने 209 रन की पारी खेली। इसके बाद फरवरी 1970 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 274 रन बनाए, जो लंबे वक्त तक साउथ अफ्रीकी टेस्ट रिकॉर्ड रहा।

क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना था कि उनमें डॉन ब्रैडमैन और गैरी सोबर्स जैसे खिलाड़ियों के समान प्रतिभा थी, लेकिन साउथ अफ्रीका में रंगभेद की नीति को लेकर जारी विवाद के चलते साउथ अफ्रीकी टीम पर साल 1970 में बैन लगा दिया गया, जिसने ग्रीम पोलक के शानदार करियर का अंत कर दिया।

साल 1991 में साउथ अफ्रीकी टीम से यह प्रतिबंध हटा, लेकिन उस समय ग्रीम पोलक करीब 47 वर्ष के थे। इस छोटे से करियर में ग्रीम पोलक ने अपनी शानदार चमक बिखेरी।

ग्रीम पोलक के फर्स्ट क्लास करियर को देखें, तो उन्होंने 262 मुकाबलों की 437 पारियों में 54.67 की औसत के साथ 20,940 रन बनाए। इस दौरान 64 शतक और 99 अर्धशतक शामिल रहे।

लिस्ट-ए क्रिकेट में उन्होंने 118 मैच खेले, जिसमें 50.06 की औसत के साथ 4,656 रन जुटाए। इसमें उनके नाम 12 शतक और 25 अर्धशतक शामिल रहे।