रोहिणी आचार्य का राजनीति से संन्‍यास लेना लोगों के लिए उदाहरण, उनके जज्बे को सलाम: मनोज कुमार

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नई दिल्‍ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने और साथ ही अपने परिवार से दूरी बनाने की भी घोषणा की। इसके बाद से राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है।

कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि रोहिणी का निर्णय उनका निजी फैसला है। हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने जो त्याग किया है, जिस उम्र और परिस्थितियों में उन्होंने अपने पिता के लिए इतना बड़ा बलिदान दिया है, वह देश के लिए एक उदाहरण है। मैं उनके जज्बे को सलाम करता हूं।

उन्होंने आगे कहा कि बिहार चुनाव के अप्रत्याशित नतीजों ने कई नेताओं को निराश किया है। हम सबने बहुत मेहनत की थी। नतीजे उम्मीद के अनुसार नहीं आए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन रोहिणी आचार्य के त्याग ने मुझे अत्यंत प्रभावित किया है। मैं उनके समर्पण का कायल हूं।

इसी बीच, जेडीयू के नवनिर्वाचित विधायक श्याम रजक ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये लोग केवल दिखावा करते हैं, ये सब एक जैसे हैं। इनके यहां सिर फुटौवल शुरू हो चुका है। आने वाले समय में सारी बातें खुलकर सामने आ जाएंगी।

वहीं भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे ने रोहिणी के फैसले के पीछे की वजह पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी सच्चाई और कारण वही लोग बता पाएंगे, लेकिन यह तो होना ही था। राजद ही नहीं, कांग्रेस पार्टी में भी आग लग गई है।

इससे पहले रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था। मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।”

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को 25 सीटें मिली हैं। वहीं, कांग्रेस महज 6 सीटों पर ही सिमट गई है। भाजपा इस बार बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जिसने 89 सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा-जदयू के गठबंधन वाले एनडीए को बंपर बहुमत मिला है।