मैनपुरी, 5 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) परियोजना की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को देते हुए पहले की सरकार की बनाई जेपीएनआईसी सोसायटी को भंग कर दिया है। इसे लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा है कि केंद्र सरकार जेपीएनआईसी बेच रही है तो सपा खरीदने के लिए तैयार है। राज्य की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि सपा के कार्यकाल के दौरान जेपीएनआईसी पर अनुमानित लागत से तीन गुना अधिक खर्च होने के बाद भी परियोजना अधूरी रह गई।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “जेपीएनआईसी पर अनुमानित लागत से तीन गुना अधिक खर्च होने के बाद भी परियोजना अधूरी रह गई। यह सब अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली 2012-2017 की समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ। यह बहुत बड़ी विडंबना और कुप्रबंधन है कि एक परियोजना, जिसकी लागत उसके मूल अनुमान से तीन गुना अधिक थी, उनके पूरे कार्यकाल में अधूरी रह गई। फिर भी, वे इसके लिए तीन गुना भुगतान जारी करने में कामयाब रहे। अखिलेश ने सोसायटी को पहले ही खरीद लिया था। अब उस कमेटी को खत्म करते हुए इसके संरक्षण, रखरखाव और देखरेख की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को दी गई है।”
महागठबंधन में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के शामिल होने की बात पर जयवीर सिंह ने कहा कि यह ‘इंडिया’ ब्लॉक का अपना विषय है। वे जिसे चाहें शामिल करें, जिसे चाहें अलग करें। जो लोग विकास और देश की तरक्की चाहते हैं, वे भारतीय जनता पार्टी के समर्थक और वोटर हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार में प्रचंड बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनने जा रही है।
कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश पर उन्होंने कहा कि नेम प्लेट लगाने में किसी को क्या परेशानी हो सकती है? ऐसा करने पर संदिग्ध स्थिति और सांप्रदायिक बवाल नहीं होगा। मुस्लिम होने के बाद भी पंडित जी के नाम से दुकान चल रही है, लोगों को अपनी पहचान छिपाने की क्या जरूरत है। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलना चाहिए। अगर लोग अपनी पहचान छिपा रहे हैं तो ऐसे में उनकी मंशा पर सवाल उठता है।
आजमगढ़ में अखिलेश यादव द्वारा पीडीए भवन के उद्घाटन पर मंत्री जयवीर सिंह ने सपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) नहीं, निजी भवन का उद्घाटन किया है। पीडीए के बारे में जनता सब जान चुकी है, यह पूरी तरह विफल हुआ है। उनका असली पीडीए ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ है, जिसे जनता ने 2012 से 2017 के बीच झेला है। प्रदेश की जनता जानती है कि यदि दोबारा अवसर मिला तो वही स्थितियां पैदा होंगी जो 2012 से 2017 के बीच जनता ने झेली है।