नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दी का मौसम आते ही शुष्क हवाएं पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। ठंडी हवा की वजह से चेहरा, हाथ-पैर और एड़ी फटने की परेशानी शुरू हो जाती है। चेहरे पर क्रीम या तेल लगाकर नमी बरकरार रखी जा सकती है, लेकिन एड़ियां फटने के साथ-साथ दर्द भी करती हैं। आयुर्वेद में एड़ियां फटने से निजात पाने के घरेलू और आसान उपाय बताए गए हैं।
आयुर्वेद में फटी एड़ी की समस्या को शरीर में वात दोष के बढ़ने से जोड़कर देखा गया है। शरीर में वात दोष बढ़ने और ठंडी जलवायु की वजह से एड़ियां शुष्क होकर फट जाती हैं। कई बार गहरी दरारों की वजह से चलने-फिरने में परेशानी भी होती है। ऐसे में एड़ियों की सही देखभाल जरूरी है। आयुर्वेद में कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं, जिनसे एड़ियों को दोबारा खूबसूरत और मुलायम बनाया जा सकता है।
सर्दियों के मौसम में रोजाना एड़ियों को गर्म पानी में भिगोकर 5 से 10 मिनट तक सेकें। इससे मृत पड़ चुकी त्वचा नर्म हो जाती है और दर्द में राहत मिलती है। इसके बाद तुरंत मॉइस्चराइजर लगाएं, जिससे नमी बनी रहे। रात के समय गर्म तेल से एड़ियों और तलवों की मालिश करें। इसके लिए सरसों का तेल और नारियल का तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे गहरी दरारें कम होंगी और मृत त्वचा नर्म होगी।
तेल मसाज से पैरों का ब्लड सर्कुलेशन भी सही होगा और पैरों की खूबसूरती बढ़ेगी। आयुर्वेदिक फुट पैक लगाकर भी एड़ियों की देखभाल की जा सकती है। इसके लिए एलोवेरा, हल्दी और नीम का पेस्ट एड़ियों पर लगाएं और 15 मिनट बाद धो दें। इस पेस्ट का इस्तेमाल हफ्ते में तीन बार करें। इसके अलावा, नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर हल्दी के साथ मिलाकर एड़ियों पर लगाएं, इससे दरारों में पनपने वाला बैक्टीरिया कम होगा। इस पेस्ट को हफ्ते में दो बार लगाएं।
इसके अलावा आहार में भी परिवर्तन लाना जरूरी है। आहार में नमी वाला खाना शामिल करें। खाने में घी का उपयोग जरूर करें और शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखें। इससे शरीर की शुष्कता कम होगी और एड़ियों की त्वचा भी नहीं सूखेगी।

