सावन के अंतिम दिन देश के कई राज्यों में दिखा शिव भक्तों का उत्साह, मंदिरों में लगी लंबी-लंबी कतारें 

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हरिद्वार, 4 अगस्त (आईएएनएस)। आज सावन का आखिरी सोमवार है। देशभर के मंदिरों, देवालयों और शिवलिंगों पर भक्तों का उत्साह देखने लायक है। मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें नजर आ रही हैं।

सावन के आखिरी सोमवार के दिन देवभूमि उत्तराखंड के शिवालयों में भारी भीड़ देखी गई। आधी रात से ही शिव मंदिरों में लंबी कतारें लग गईं। हरिद्वार में भी काफी संख्या में श्रद्धालु आए। भगवान शिव के ससुराल कहे जाने वाले कनखल में भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला। मान्यता है कि आज के दिन भगवान शिव दक्ष नगरी कनखल से विदा लेकर कैलाश लौटते हैं, इसलिए भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक कर पुण्य की कामना करते हैं। ऐसे में कनखल के दक्ष मंदिर में तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालु पूरे श्रद्धा भाव से भोलेनाथ को अगले सावन फिर से आमंत्रित कर रहे हैं। इस दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं।

चमोली में स्थित गणजेश्वर महादेव मंदिर में भी अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और जलाभिषेक किया। ऐसी मान्यता है कि यह एक पौराणिक मंदिर है, जिसमें भगवान शिव और पार्वती विद्यमान हैं। यहां पर सच्चे मन से मनौती मांगने पर मनोकामना पूरी होती है। पूरे सावन यहां पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं।

दूसरी ओर महाराष्ट्र में भी शिव भक्तों का उत्साह देखने लायक है। हिंगोली में स्थित शिव मंदिर के दर्शन के लिए भी भक्तों की लंबी कतारें देखी गई। यहां बाबा के दर्शन के लिए भक्तों का मेला लगा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर साक्षात शिव और विष्णु वास करते हैं। इसलिए यहां पर भोले नाथ और श्री विष्णु को हरी हर नाम से लोग पूजते हैं। यहां पर आने वाले भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र के साथ-साथ तुलसी पत्ता भी अर्पित करते हैं और मंदिर की पूरी परिक्रमा करते हैं।

वसई और नालासोपारा क्षेत्र के तमाम शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा है। सुबह से ही भक्तगण मंदिरों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं और विशेष पूजा-अर्चना में लीन हैं।

मंदिरों में चारों ओर “हर हर महादेव” के जयकारों की गूंज और भक्ति संगीत से वातावरण भक्तिमय हो उठा है। शिव भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। कई श्रद्धालु तो तड़के 5 बजे से ही मंदिरों की कतारों में लगे नजर आए, ताकि वे भोलेनाथ के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। श्रद्धालु जल, बेलपत्र, धतूरा और फल-फूल अर्पित कर अपने आराध्य शिव से मनोकामनाएं मांग रहे हैं।

वहीं, गुजरात के अहमदाबाद के मोटेरा में स्थित महादेव का कोटेश्वर मंदिर भी भक्तों की आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना है। इस मंदिर में भगवान महादेव के दर्शन करने के लिए सुबह से ही कतारें लगती है। वहीं, बात जब सावन के सोमवार की होती है, तो यहां पर बड़ी संख्या में भक्तों का आगमन होता है, जो सावन के अंतिम सोमवार को भी देखने को मिला।

सोमनाथ मंदिर में भी आखिरी सोमवार के लिए शिव भक्तों की आस्था देखने को मिली। बाबा के दर्शन के लिए लगी लंबी-लंबी कतारों में हर हर महादेव की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय नजर आया।

दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में भी सुबह पट खुलने के बाद से ही अधिक संख्या में श्रद्धालु दिखे। सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी भी नगर भ्रमण पर निकलेगी। इस दौरान भगवान पशुपतिनाथ महादेव की रजत प्रतिमा का आकर्षण केंद्र रहेगी। श्रृंगार, पूजन और अभिषेक कर उन्हें सलामी दी जाएगी। रथ पर सवार होकर भगवान पशुपतिनाथ कई आकर्षक झांकियों के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस सवारी में मुख्यमंत्री मोहन यादव के शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही है।

इसके अलावा बिहार की राजधानी पटना, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और यूपी के नोएडा में स्थित शिवालयों में शिव भक्तों का उत्साह देखने लायक रहा। जहां मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली।