एससीओ शिखर सम्मेलन : पीएम मोदी का शांति, स्थिरता और कनेक्टिविटी पर जोर, विकास का रोडमैप किया साझा

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तियानजिन, 1 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 25वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में एससीओ विकास रणनीति, वैश्विक शासन सुधार, आतंकवाद विरोधी उपाय, शांति और सुरक्षा, आर्थिक व वित्तीय सहयोग और सतत विकास जैसे विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए एससीओ ढांचे के तहत सहयोग मजबूत करने के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने तीन प्रमुख स्तंभों ‘सिक्यूरिटी, कनेक्टिविटी और ऑपर्च्युनिटी’ पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शांति, सुरक्षा और स्थिरता ही प्रगति और समृद्धि की कुंजी हैं।

उन्होंने विकास को बढ़ावा देने और आपसी विश्वास बनाने में संपर्क (कनेक्टिविटी) की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसे प्रोजेक्ट्स का मजबूती से समर्थन करता है।

प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप्स, इनोवेशन, युवाओं को सशक्त बनाने और साझा सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्रों में मौजूद अवसरों का उल्लेख किया और कहा कि इनका लाभ एससीओ के तहत मिलकर उठाया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों के बीच आपसी संबंध और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए एससीओ के भीतर एक ‘सिविलाइजेशन डायलॉग फोरम’ शुरू करने का प्रस्ताव रखा।

उन्होंने सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण और कट्टरपंथ के खिलाफ समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर भी बल दिया।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सदस्य देशों का धन्यवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के मामले में दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसका समर्थन करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने एससीओ के सुधार-उन्मुख एजेंडा का समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर सुरक्षा से निपटने के लिए केंद्रों की स्थापना का स्वागत किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार के लिए भी इसी तरह के साझा दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उनकी गर्मजोशी भरी मेहमाननवाजी के लिए धन्यवाद दिया और शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन पर बधाई दी। उन्होंने किर्गिस्तान को एससीओ की अगली अध्यक्षता संभालने पर भी शुभकामनाएं दीं। साथ ही शिखर सम्मेलन के समापन पर एससीओ सदस्य देशों ने ‘तियानजिन घोषणापत्र’ को अपनाया।