सिकंदरा विधानसभा सीट : एनडीए के प्रफुल्ल मांझी के सामने महागठबंधन से दो प्रत्याशी, कौन मारेगा बाजी?

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पटना, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के जमुई जिले का सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह क्षेत्र झारखंड के गिरिडीह जिले से सटा हुआ है। स्थानीय भाषा मैथिली है, जबकि हिंदी और उर्दू भी आम बोलचाल में इस्तेमाल होती है।

सिकंदरा क्षेत्र में कई धार्मिक स्थल हैं। जैन मंदिर लछुआर सिकंदरा ब्लॉक में स्थित है और जमुई जिले के मुख्यालय से लगभग 20 किमी पश्चिम में है। यहां तीर्थयात्रियों के लिए 65 कमरों का बड़ा विश्राम गृह है। मंदिर में भगवान महावीर की काली पत्थर की मूर्ति स्थित है, जो 2,600 वर्ष से अधिक पुरानी है और जिसका वजन लगभग 250 किलो है। यह मूर्ति भगवान महावीर के जन्मस्थान क्षत्रिय कुंड ग्राम के रास्ते पर स्थित है।

साथ ही, मां नेतुला मंदिर ब्लॉक सिकंदरा के कुमार गांव में स्थित है। यह मंदिर मां अंबे को समर्पित है और सिद्धपीठ के रूप में विख्यात है। मां नेतुला नेत्र और पुत्र प्रदाता देवी के रूप में भी जानी जाती हैं। नेत्र विकार से पीड़ित भक्त यहां नियमित रूप से अरदास करने आते हैं।

इसके अलावा, सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र में बहुआर नदी के तट पर स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर, मिशन चौक का मंझली दुर्गा मंदिर और चौक स्थित मां वैष्णवी दुर्गा महारानी का जगदंबा मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से प्रसिद्ध हैं।

राजनीतिक रूप से यह सीट वर्तमान में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के खाते में है। इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक 15 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें कांग्रेस ने पांच बार, भाकपा और जनता दल यूनाइटेड ने दो-दो बार जीत दर्ज की है। अन्य पार्टियों ने भी इस सीट पर सफलता प्राप्त की है।

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में यह सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के उम्मीदवार प्रफुल्ल कुमार मांझी ने जीती। 2015 में यह सीट कांग्रेस के सुधीर कुमार ने जीती थी।

आगामी चुनावों को लेकर एनडीए के तहत केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी को यह सीट मिली है। पार्टी ने यहां से प्रफुल्ल कुमार मांझी को दोबारा मैदान में उतारा है। वहीं, महागठबंधन में इस सीट को लेकर टकराव है। कांग्रेस ने यहां से विनोद चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि राजद ने भी उदय नारायण चौधरी के रूप में अपना उम्मीदवार उतारा है। जनस्वराज पार्टी ने सुभाष चंद्र बोस को टिकट दिया है।