एसआईआर का दूसरा चरण : 51 करोड़ का सत्यापन, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक मतदाता

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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दूसरे चरण के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा कर दी। दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों में एसआईआर होगा, जिनके प्रमुख तारीखों के बारे में आयोग ने ऐलान किया है।

दूसरे चरण के एसआईआर की शुरुआत 28 अक्टूबर, 2025 से होगी। इस दौरान 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक प्रिंटिंग और ट्रेनिंग का कार्य होगा। इसके बाद घर-घर जाकर गणना चरण का कार्य किया जाएगा, जिसकी तारीख 4 नवंबर से 4 दिसंबर, 2025 तक तय की गई है। फिर, 9 दिसंबर, 2025 को मतदाता सूची का प्रकाशन और मसौदा तैयार किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने 9 दिसंबर, 2025 से 8 जनवरी, 2026 तक आपत्ति की अवधि को निर्धारित किया है। वहीं, 9 दिसंबर से 31 जनवरी, 2026 तक चुनाव आयोग द्वारा सुनवाई और सत्यापन का कार्य किया जाएगा। 7 फरवरी, 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी।

चुनाव आयोग के अनुसार एसआईआर के दूसरे चरण में 12 राज्यों के करीब 51 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन होगा। इसमें सर्वाधिक उत्तर प्रदेश के 15.44 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल के 7.66 करोड़ मतदाता हैं।

इस दौरान 5,33,093 पोलिंग बूथ/बीएलओ, 7,64,419 राजनीतिक पार्टी बीएलए, 10,448 ईआरओ/एईआरओ और 321 डीईओ शामिल होंगे।

एसआईआर के दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार, को कवर किया जाएगा। पहले चरण में आयोग ने बिहार को कवर किया था। इस दौरान जीरो आपत्ति आई।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एसआईआर की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ”हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है। विगत कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है। इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में यह प्रक्रिया की गई। इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है।”