सिरसा ने औद्योगिक क्षेत्रों के रखरखाव और सड़कों के पुनर्विकास प्लान की समीक्षा की, सुधार और धूल नियंत्रण को निर्देश

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नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार के पर्यावरण और उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को डीएसआईआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में चल रहे रखरखाव और सड़कों के पुनर्विकास कार्यों की समीक्षा की।

यह बैठक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के दिशा-निर्देश में आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली के 18 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों के पुनर्विकास, नालियों, डक्ट और स्वच्छता ढांचे को मजबूत करने की विस्तृत योजना पर चर्चा हुई।

इस दौरान अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि 18 औद्योगिक क्षेत्रों को सड़कों की स्थिति और तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर तीन श्रेणियों—संतोषजनक, मध्यम और खराब—में बांटा गया है ताकि चरणबद्ध तरीके से रोड निर्माण और रिपेयर का काम किया जा सके।

बैठक के दौरान पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र, ओखला औद्योगिक एस्टेट फेज-III, वजीरपुर, नारायणा, मयापुरी फेज-I एवं II, मंगोलपुरी, कीर्ति नगर, बदली, जीटी कर्णाल रोड, डीएलएफ मोती नगर, झिलमिल, राजस्थानी उद्योग नगर, लॉरेंस रोड सहित अन्य प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के कार्यों की समीक्षा की गई।

बैठक के बाद मंत्री सिरसा ने कहा, “मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हमारी सरकार ऐसे स्थायी समाधान ला रही है जो केवल मेंटेनेंस तक सीमित नहीं है। दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास इस तरह से किया जा रहा है कि बुनियादी ढांचा बेहतर हो और धूल प्रदूषण में भी स्थायी रूप से कमी आए। यह काम विज्ञान आधारित और व्यावहारिक तरीके से किया जा रहा है।”

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी नई सड़कों के निर्माण से पहले पावर केबल, टेलीकॉम लाइन और पानी की पाइपलाइन जैसी सेवाओं के लिए डक्ट बिछाए जाएं ताकि आगे खुदाई की जरूरत न पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि हर कार्य की निगरानी सख्ती से की जाए ताकि समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा हो सके।

अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में गड्ढों की मरम्मत का एक व्यापक अभियान विंटर एक्शन प्लान के तहत जारी है। यह कार्य एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और डीएसआईआईडीसी के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है ताकि सड़कें समतल रहें और धूल कम उड़े।

मंत्री ने कहा, “दिल्ली की सड़कें गड्ढामुक्त रहें और खुले भू-भागों पर धूल का फैलाव रोका जाए इस दिशा में सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। इससे वायु गुणवत्ता में सुधार आएगा साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में कामगारों और परिवहन नेटवर्क के लिए भी सुरक्षा और सुविधा बढ़ेगी।”

बैठक में यह भी बताया गया कि औद्योगिक क्षेत्रों में स्वच्छता और रखरखाव के लिए एक विशेष सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया जारी है। इससे कचरा प्रबंधन, नालियों की सफाई और पर्यावरणीय देखरेख जैसे कार्य अधिक पेशेवर तरीके से हो पाएंगे। पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में अपने सुझाव और समस्याएं रखीं। मंत्री ने सभी मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और तुरंत आवश्यक निर्देश दिए ताकि सुधार कार्यों में तेजी लाई जा सके।

मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बायोमास और कचरे के खुले में जलाने को रोकने के लिए जागरूकता अभियान को और मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य स्थानीय स्तर पर प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं और इन्हें रोकना सर्दियों में बेहद जरूरी है। सिरसा ने डीएसआईआईडीसी और संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि मैकेनिकल रोड स्वीपिंग, नियमित पानी का छिड़काव और ऊंची इमारतों पर स्मॉग गन की स्थापना सुनिश्चित की जाए ताकि धूल के उत्सर्जन पर नियंत्रण रखा जा सके।