श्रीलंका में एस जयशंकर ने विदेश मंत्री हेराथ के साथ 120 फुट के ब्रिज का किया उद्घाटन, राष्ट्रपति भी रहे मौजूद

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कोलंबो, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कोलंबो में श्रीलंका के प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या के साथ मुलाकात की। श्रीलंका दौरे पर एस जयशंकर ने श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिथा हेराथ के साथ भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में 120 फुट के डुअल कैरिजवे बेली ब्रिज का उद्घाटन किया। इस दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके भी मौजूद रहे।

एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उद्घाटन समारोह की जानकारी देते हुए लिखा, “विदेश मंत्री विजिथा हेराथ के साथ मिलकर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की मौजूदगी में, उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में 120 फुट के डुअल कैरिजवे बेली ब्रिज का उद्घाटन किया गया। 110 टन के इस पुल को भारत से एयरलिफ्ट करके ऑपरेशन सागर बंधु के तहत मदद के तौर पर लगाया गया।”

वहीं हेराथ ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के कोलंबो दौरे की सराहना की और जोर देकर कहा कि यह दौरा दोनों देशों के बीच करीबी दोस्ती और पक्की साझेदारी की एक मजबूत झलक है।

कोलंबो में एस जयशंकर के साथ संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, हेराथ ने श्रीलंका को उसकी आर्थिक चुनौतियों से उबरने में मदद करने के लिए भारत की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार और विदेश मंत्री जयशंकर का शुक्रिया अदा किया।

उन्होंने कहा, “मैं कोलंबो में डॉ. जयशंकर का दिल से स्वागत करता हूं। इस समय डॉ. जयशंकर का दौरा बहुत तारीफ के काबिल है क्योंकि यह तूफान दित्वाह की वजह से खराब मौसम के बाद श्रीलंका के साथ भारत की पक्की एकता को दिखाता है।”

उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके, सरकार और श्रीलंका के लोगों की ओर से, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार और आपको, डॉ. जयशंकर, श्रीलंका को उसकी आर्थिक चुनौतियों से उबरने में मदद करने में भारत के बहुत कीमती सपोर्ट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।”

बता दें कि भारत ने शुरुआत से ही ऑपरेशन सागर के तहत श्रीलंका को दितवाह के नुकसान से उबरने के लिए मदद की। इस सिलसिले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “हमारा एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और दूसरा जहाज, आईएनएस उदयगिरी, कोलंबो में मौजूद थे और उन्होंने राहत का सामान पहुंचाया और उसके बाद हेलीकॉप्टर भी तैनात किए। इसके बाद, भारतीय वायुसेना के कई एमआई-17 हेलीकॉप्टर दो हफ्ते से ज्यादा समय तक श्रीलंका में एक्टिव रहे। 80 लोगों की नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की टुकड़ी एक साथ पहुंची और उसने बचाव और राहत ऑपरेशन चलाए।”

उन्होंने कहा, “भारतीय सेना ने कैंडी के पास 85 मेडिकल स्टाफ के साथ एक फील्ड हॉस्पिटल बनाया, जिससे 8000 से ज्यादा लोगों को इमरजेंसी केयर मिली। दो मॉड्यूलर बीएचआईएसएचएम इमरजेंसी केयर यूनिट भी एयरलिफ्ट करके श्रीलंका ले जाई गईं और उनका इस्तेमाल किया गया।”

विदेश मंत्री ने कहा कि नुकसान के स्तर को देखते हुए, कनेक्टिविटी ठीक करना साफ तौर पर सबसे पहली प्राथमिकता थी; इस मुद्दे पर राष्ट्रपति दिसानायके और पीएम मोदी के बीच हाल ही में टेलीफोन पर हुई बातचीत में बात हुई थी।

भारत के विदेश मंत्री ने बताया कि दित्वाह से हुई तबाही के बाद पूरे ऑपरेशन में, सागर बंधु ने 1100 टन से ज्यादा राहत का सामान पहुंचाया, जिसमें सूखा राशन, टेंट, तिरपाल, हाइजीन किट, जरूरी कपड़े और पानी साफ करने वाले किट शामिल थे।

इसके अलावा, भारत ने श्रीलंका को लगभग 14.5 टन दवाइयां और मेडिकल सामान भी मुहैया कराया। राहत काम में मदद के लिए 60 टन और सामान श्रीलंका लाया गया।