श्रीलंका के विपक्ष के नेता साजित प्रेमदासा का नीति आयोग दौरा, विकास मॉडल और सहयोग पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। भारत और श्रीलंका के बीच आपसी विकास सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, नीति आयोग ने मंगलवार को श्रीलंका के विपक्ष के नेता साजित प्रेमदासा के नेतृत्व में आए उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की। यह बैठक नई दिल्ली स्थित नीति आयोग मुख्यालय में आयोजित की गई।

इस बैठक के दौरान साजित प्रेमदासा ने अपने संबोधन में भारत की बीते 11 वर्षों की परिवर्तनकारी यात्रा की सराहना की।

उन्होंने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने विशेष रूप से यह समझने में रुचि व्यक्त की कि नीति आयोग किस प्रकार एक नीति-निर्माण संस्थान के रूप में दीर्घकालिक रणनीतिक नीतियों को जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन से जोड़ने का कार्य करता है।

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन के. बेरी ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए भारत में चल रही विकास पहलों का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के ‘न्यू इंडिया विजन’ के तहत देश आर्थिक रूपांतरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

वाइस चेयरमैन ने क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और दोनों सरकारों के बीच आधिकारिक चैनलों के जरिए तय किए गए अच्छे पड़ोसी और आपसी विकास की भावना से श्रीलंका के साथ साझा विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए नीति आयोग की लगातार प्रतिबद्धता पर जोर देकर मीटिंग खत्म की।

इस अवसर पर दोनों पक्षों के बीच बुनियादी ढांचे, आर्थिक सहयोग और नीति-निर्माण प्रक्रियाओं के क्षेत्र में गहन विचार-विमर्श हुआ। बेरी ने आगे बताया कि भारत, श्रीलंका सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग और परस्पर विकास को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्रीलंका के नेता प्रतिपक्ष साजित प्रेमदासा ने मंगलवार को ही राजधानी दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की। जयशंकर ने इस मुलाकात की जानकारी देते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, “श्रीलंका के नेता प्रतिपक्ष साजित प्रेमदासा से मिलकर खुशी हुई। भारत-श्रीलंका संबंधों और हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी पर चर्चा हुई। भारत हमेशा श्रीलंका में प्रगति और विकास में सहायक रहेगा।”