श्रीनगर, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के युवा नेता वहीद पर्रा ने जम्मू-कश्मीर सरकार की कैबिनेट उप-समिति द्वारा पिछड़े क्षेत्र (आरबीए) कोटे में कटौती के फैसले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे कश्मीरियों को शक्तिहीन करने का प्रयास बताया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा अपनी पोस्ट में पर्रा ने कहा, “जम्मू-कश्मीर सरकार की कैबिनेट उप-समिति द्वारा ‘युक्तिकरण’ के बहाने आरबीए कोटे में कटौती का फैसला कश्मीरियों को शक्तिहीन करने का एक सोचा-समझा प्रयास है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कदम घाटी के पिछड़े और दूरदराज इलाकों के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच को कमजोर करता है, जो लंबे समय से प्रशासनिक और शैक्षिक क्षेत्रों में उनके प्रतिनिधित्व और अधिकारों की रक्षा करता आया है।
पर्रा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस फैसले का समर्थन करके वे समानता की रक्षा नहीं कर रहे, बल्कि कश्मीरियों को हाशिए पर धकेलने के एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह निर्णय कश्मीरियों के सशक्तिकरण को कमजोर करने का हिस्सा लगता है, जो ऐतिहासिक रूप से आरबीए कोटे से लाभान्वित हुए हैं।”
आरबीए कोटा जम्मू-कश्मीर की आरक्षण नीति का अहम हिस्सा रहा है, जो दूरदराज और अविकसित क्षेत्रों के लोगों को सरकारी नौकरियों, शिक्षा और अन्य अवसरों में हिस्सेदारी सुनिश्चित करता है। इस कोटे के तहत कश्मीर घाटी के कई पिछड़े इलाकों के निवासी लाभान्वित होते रहे हैं। पर्रा ने चेतावनी दी कि इस प्रावधान को कमजोर करने से कश्मीरी समुदाय और अधिक हाशिए पर चला जाएगा, जिससे राज्य के संसाधनों और अवसरों में उनकी हिस्सेदारी घट जाएगी।
पीडीपी नेता ने इस फैसले को राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि यह कश्मीर के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास है। उन्होंने सरकार से इस कदम पर पुनर्विचार करने की मांग की और कहा कि आरबीए कोटे को बहाल करने के लिए पार्टी विरोध प्रदर्शन और कानूनी कदम उठाएगी।