सुप्रिया सुले के बिना कोई अहम फैसला नहीं : रोहित पवार

0
12

मुंबई, 4 जून (आईएएनएस)। शरद पवार गुट की एनसीपी के विधायक रोहित पवार ने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले को लेकर अहम बयान दिया है और कहा है कि कोई भी अहम फैसला बिना उनकी मौजूदगी के नहीं लिया जा सकता है।

महाराष्ट्र में नगर निगम चुनावों को लेकर शरद पवार, उनके भतीजे और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के फिर से साथ आने की खबरें हैं। इस पर रोहित पवार ने कहा, “जब भी देश से जुड़ी कोई अहम बैठक होती है, सुप्रिया सुले उसमें जरूर उपस्थित रहती हैं। इस बार वे भारत की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से रखने के लिए विदेश में हैं, और इसीलिए बैठक में शामिल नहीं हो सकीं। जैसे ही वह महाराष्ट्र लौटेंगी, इस विषय पर और अधिक स्पष्टता सामने आ जाएगी।”

भाजपा नेता नितेश राणे के वर्चुअल बकरीद वाले बयान पर रोहित पवार ने कहा, “नितेश राणे अक्सर ऐसे ही बयान देते रहते हैं। जब उन्हें मीडिया में जगह नहीं मिलती या टीवी स्क्रीन पर चेहरा नहीं दिखता, तो वह इस तरह के विवादित स्टेटमेंट देकर सुर्खियों में आने की कोशिश करते हैं। उनका यह बयान भी उसी का एक हिस्सा है।”

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा,”जो लोग हर साल दिवाली और होली को इको-फ्रेंडली मनाने की सलाह देते हैं, वे बकरीद पर चुप क्यों रहते हैं? क्या वे मुस्लिम समाज से यह नहीं कह सकते कि वे भी वर्चुअल बकरा काटकर पर्यावरण के अनुकूल बकरीद मनाएं?”

महाराष्ट्र नगर निगम चुनावों के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने की चर्चा पर रोहित पवार ने कहा, “अगर राजनीति से ऊपर उठकर देखें, तो राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच लंबे समय से कटुता रही है। अगर अब वह कटुता दूर हो रही है, तो यह स्वागत योग्य कदम है। हालांकि मुंबई महानगरपालिका चुनाव में ठाकरे परिवार का गठबंधन कैसे रहेगा, यह कहना फिलहाल संभव नहीं है।”

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से विपक्ष लगातार सरकार से विशेष संसद सत्र आयोजित करने की मांग कर रहा है। इस पर एनसीपी नेता ने कहा, “शरद पवार देश के रक्षा मंत्री रह चुके हैं। उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि डिफेंस की क्या गोपनीयताएं होती हैं और कैसे काम किया जाता है। इंडिया ब्लॉक में यह चर्चा हो रही है कि शायद इंटेलिजेंस फेलियर हुआ है। इस ऑपरेशन में शहीद हुए जवानों के बलिदान पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। इसलिए हम मांग करते हैं कि इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र (स्पेशल सेशन) बुलाया जाए।”