जम्मू, 4 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि तेज आर्थिक विकास के लिए सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण अत्यंत जरूरी है। उपराज्यपाल ने कहा कि सांस्कृतिक परंपराओं, कलाओं, शिल्पों और रीति-रिवाजों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने में सांस्कृतिक-आध्यात्मिक कार्यक्रम और कौशल विकास में सक्रिय भागीदारी एक माध्यम बन सकती है।
जम्मू जिले के मढ़ उप-मंडल में वार्षिक झिड़ी मेले के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे उपराज्यपाल ने कहा कि जवाबदेही को बढ़ावा देने, सेवा वितरण में सुधार लाने और नागरिकों की जरूरतों को समझने और उसके अनुसार नई नीतियां बनाने के लिए अधिक समावेशी और पारदर्शी शासन को बढ़ावा देने के लिए शासन में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस दौरान उपराज्यपाल ने बाबा जित्तो और बुआ कोड़ी को नमन किया। उन्होंने कहा कि बाबा जित्तो सांप्रदायिक भेदभाव से ऊपर उठकर जन कल्याण के एक सार्वभौमिक प्रतीक हैं। उनके सत्य, अहिंसा और भाईचारे के मूल्य समाज को मजबूत करते हैं और झिड़ी मेले को बहुसंस्कृतिवाद और सामाजिक सद्भाव का उत्सव बनाते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा जित्तो को सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर किसान तक पहुंचे।
इसके साथ ही उपराज्यपाल ने लोगों से निस्वार्थ सेवा का मार्ग अपनाने और बाबा जित्तो के सपनों के न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज के निर्माण के लिए काम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और व्यापारियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि हम सब मिलकर एक मजबूत, सुरक्षित, समृद्ध और आत्मनिर्भर जम्मू कश्मीर का निर्माण कर सकते हैं। उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर के कृषक समुदाय के समाज में योगदान के लिए भी प्रशंसा की और उनके कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
उपराज्यपाल ने इस मौके पर एक तीर्थयात्री सामुदायिक भवन और 4 मॉड्यूलर बस स्टॉप का लोकार्पण किया और मढ़ उप-मंडल में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत पहले ‘इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स’ की आधारशिला भी रखी।





