अनहेल्दी लाइफस्टाइल का नतीजा है उदर-वायु, आयुर्वेदिक उपचार से हमेशा के लिए पाएं छुटकारा

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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। पेट में गैस (उदर-वायु) बनना आजकल बहुत आम समस्या है। लगभग हर किसी को कभी न कभी इसका सामना करना पड़ता ही है। जब पेट में पाचन की प्रक्रिया ठीक से नहीं होती, तो भोजन पूरी तरह से नहीं पचता और गैस बनने लगती है। ये गैस अगर शरीर से बाहर नहीं निकल पाए तो पेट फूलना, भारीपन, डकार आना, पेट दर्द या बेचैनी जैसी तकलीफें शुरू हो जाती हैं। कई बार लोग गैस को हल्के में ले लेते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसकी अनदेखी करने से एसिडिटी, कब्ज, सिरदर्द और जी मिचलाने जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

पेट में गैस बनने के कई कारण होते हैं। सबसे आम कारण है गलत खान-पान। बहुत ज्यादा तली-भुनी, मसालेदार या फास्ट फूड चीजें खाने से पाचन बिगड़ जाता है। इसके अलावा, ज्यादा फाइबर वाला खाना, जैसे राजमा, छोले, उड़द की दाल या बींस खाने से भी गैस बन सकती है। कोल्ड ड्रिंक्स, बासी खाना या अस्वच्छ पानी का सेवन भी पेट में गैस का बड़ा कारण है।

कभी-कभी पाचन तंत्र में बैक्टीरिया का असंतुलन या आईबीएस जैसी बीमारियां भी इस परेशानी को बढ़ा देती हैं।

आयुर्वेद में गैस की समस्या के लिए कई आसान और असरदार घरेलू उपाय बताए गए हैं। अगर गैस की शिकायत हो तो सौंठ (सूखा अदरक), हींग और सेंधा नमक को गुनगुने पानी के साथ लेना बहुत फायदेमंद है। अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर खाने से भी पेट की ऐंठन और गैस से राहत मिलती है। अदरक-नींबू का मिश्रण भोजन के बाद लेने से पाचन सुधरता है और पेट हल्का महसूस होता है। हरड़ चूर्ण और शहद का सेवन भी वायु विकार को शांत करता है। इसके अलावा, जीरा, अजवाइन, हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में मिलाकर बनाया गया मिश्रण भोजन के बाद लेने से पेट तुरंत हल्का लगता है।

योगासन भी गैस की समस्या को दूर करने में बेहद प्रभावी हैं। वज्रासन सबसे सरल और उपयोगी आसन है, जिसे भोजन के बाद 10-15 मिनट करने से पाचन शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा, अग्निसार क्रिया नियमित करने से पाचन अग्नि तेज होती है और शरीर से गैस और विषैले तत्व निकलते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, जब जठराग्नि कमजोर हो जाती है तो शरीर में ‘आम’ यानी अधपचा भोजन जमा होता है, जो गैस का मुख्य कारण बनता है। इसी कारण अग्नि को संतुलित रखना बहुत जरूरी है। त्रिफला चूर्ण, हिंगवाष्टक चूर्ण, अजवाइन चूर्ण और अदरक रस जैसी आयुर्वेदिक औषधियां इसमें बहुत मदद करती हैं।