लखनऊ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। लखनऊ में एसटीएफ ने फर्जी वेबसाइट और सॉफ्टवेयर के माध्यम से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने ग्राम पंचायत अधिकारी समेत गिरोह के पांच सदस्यों- लाल बिहारी, रवि वर्मा, सोनू वर्मा, बंशराज वर्मा और सत्यरोहन को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को लखनऊ और जनपद गोंडा के मोतीनगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक सुधांशु शेखर के पर्यवेक्षण में टीम ने जांच शुरू की और सूचना तंत्र को सक्रिय किया। इसी दौरान उपनिरीक्षक नरेन्द्र सिंह की टीम को सूचना मिली कि कार सवार आरोपी लाल बिहारी पाल हरदोई से लखनऊ आ रहा है और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का सदस्य है। टीम ने दुबग्गा चौराहे के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में उसके पास से फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बरामद हुए।
पूछताछ में लाल बिहारी ने बताया कि वह ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर हरदोई में तैनात है और अपने साथी रवि वर्मा (निवासी गोंडा) के साथ मिलकर यह धंधा चला रहा था। लाल बिहारी की निशानदेही पर एसटीएफ ने गोंडा जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र से उसके चार साथियों रवि वर्मा, सोनू वर्मा, बंशराज वर्मा और सत्यरोहन को भी गिरफ्तार किया।
रवि वर्मा ने पूछताछ में बताया कि वे लोग अवैध कमाई के लिए ऑनलाइन फर्जी वेबसाइट बनाते थे। इन साइट्स को उन्होंने यूस्टेबल कंपनी के सर्वर और क्लाउड डाटाबेस से जोड़ा हुआ था। रवि और उसका भाई सोनू वर्मा गूगल, यूट्यूब और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से वेबसाइट तैयार करते और फिर लॉगिन आईडी-पासवर्ड बेचकर दूसरों से पैसे कमाते थे।
अब तक यह गिरोह लगभग 1,40,000 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और 2,500 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना चुका है। ये लोग प्रति प्रमाण पत्र 600 से 1000 रुपये तक वसूलते थे।
रवि के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। अब सभी आरोपियों पर थाना साइबर, लखनऊ में आईटी एक्ट और बीएनएस की कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

 












