उत्तर प्रदेश: फर्जी परमिट से भारत और नेपाल के बीच चलाई जा रही थी बस, दो गिरफ्तार

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लखनऊ, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने फर्जी परमिट के जरिए भारत और नेपाल के बीच बस संचालन करने वाले गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से फर्जी भारत-नेपाल यात्रा परमिट, लैपटॉप, बस और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान राम प्रसाद लम्सल निवासी जनकपुरी, थाना सागरपुर, नई दिल्ली और बाले थापा उर्फ बालकिशन निवासी कोहिमा (नागालैंड) के रूप में हुई है।

एसटीएफ ने राम प्रसाद को बागवानी भवन के गेट के पास थाना सागरपुर, नई दिल्ली से गिरफ्तार किया, जबकि चालक बाले थापा को किसान पथ, लखनऊ से हिरासत में लिया गया। आरोप है कि दोनों फर्जी परमिट तैयार कर अवैध रूप से भारत और नेपाल के बीच बस सेवा चला रहे थे।

इस मामले में सहायक संभागीय अधिकारी अलीगढ़ ने थाना बन्नादेवी में अभियोग दर्ज कराया था। उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त के पत्र के आधार पर एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की। एसटीएफ के पर्यवेक्षक लाल प्रताप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, लखनऊ के निर्देशन में टीम ने गहन छानबीन की और फिर ये कार्रवाई की।

जांच के दौरान पता चला कि राम प्रसाद फर्जी परमिट बनवाकर अंतरराष्ट्रीय बस चलवा रहा है। इस मामले में निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय की टीम सक्रिय रही, जिसमें विनोद सिंह, रणधीर सिंह, प्रशांत सिंह और शेरबहादुर शामिल थे।

अभियुक्तों के कब्जे से बरामद सामग्री में 7 भारत-नेपाल यात्रा परमिट भी शामिल हैं। इसके अलावा लैपटॉप और मोबाइल से यह जानकारी मिली कि बस संचालन और परमिट बनाने का सारा नेटवर्क इन्हीं दो लोगों के माध्यम से चल रहा था।

एसटीएफ के अधिकारियों ने कहा कि यह गिरफ्तारी अवैध अंतरराष्ट्रीय परिवहन के मामलों में बड़ी सफलता मानी जा रही है। गिरफ्तारी के बाद दोनों अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।