लखनऊ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि एसआईआर के साथ जातीय कॉलम जोड़ा जाना चाहिए, ताकि जातियों की स्थिति का स्पष्ट आकलन हो सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस सुझाव को स्वीकार करेगी। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरकार पर निशाना साधा।
अखिलेश यादव ने कहा कि एसआईआर के दूसरे चरण में जाति से जुड़ा एक अतिरिक्त कॉलम शामिल किया जाना चाहिए। इससे जाति-जनगणना में सहूलियत होगी और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सटीक नीति बनाई जा सकेगी। मुझे विश्वास है कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी।
उन्होंने गन्ना किसानों की समस्या पर बोलते हुए कहा कि गन्ने का भाव और बढ़ाया जाना चाहिए ताकि किसान परिवारों में खुशहाली आ सके। सरकार मुनाफा कमा रही है, फिर भी गन्ने की कीमत बढ़ाने में उसे सालों लग गए। किसानों को खाद, डीजल और कीटनाशक तक महंगे मिल रहे हैं। धान की खरीद नहीं हो रही, एमएसपी नहीं मिल रही। गन्ने की कीमत बढ़ाने का विज्ञापन अंग्रेजी अखबारों में छपवाया गया। बताइए, कितने किसान अंग्रेजी में पढ़ पाते हैं?
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मंडियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है, जिससे किसान और व्यापारी दोनों प्रभावित होंगे।
अखिलेश ने बहराइच की गन्ना मिल का उदाहरण देते हुए कहा वहां किसानों के करोड़ों रुपए डूब गए और जिम्मेदार लोग फरार हैं। सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। सपा प्रमुख ने कहा कि सत्ता में आने पर पार्टी सरदार पटेल के नाम पर एक विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी। उन्होंने कानपुर के अखिलेश दुबे प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा जितना भ्रष्टाचार इस सरकार में है, उतना कभी नहीं हुआ। विकास दुबे की गाड़ी इसलिए पलटाई गई थी कि कहीं सरकार न पलट जाए। अब उसी तरह के लोगों को बचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियां मनमानी तरीके से हो रही हैं। सरकार में महिलाएं और बेटियां असुरक्षित हैं। दलित और पिछड़े वर्ग के लोग उत्पीड़न झेल रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है। एंबुलेंस सेवा हमने शुरू की थी। हमारी सरकार आने पर इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज भाजपा के बड़े नेता भी जब बीमार होते हैं तो इलाज सपा सरकार में बने मेदांता अस्पताल में कराते हैं। इस सरकार में आम आदमी का इलाज भगवान भरोसे है।
—आईएएनएस
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