नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह मिस्र के आधिकारिक दौरे पर हैं। वह यहां मिस्र की वायुसेना के कमांडर अब्देल रहमान सकर के निमंत्रण पर पहुंचे हैं। यह दौरा भारत और मिस्र की वायु सेनाओं के बीच आपसी सहयोग, रणनीतिक साझेदारी और सैन्य क्षमताओं के आदान-प्रदान को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
अपने इस आधिकारिक मिस्र दौरे के पहले दिन एयर चीफ मार्शल सिंह को मिस्र की वायुसेना की संचालन क्षमताओं, मौजूदा मिशनों तथा रणनीतिक तैयारियों पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
इस दौरान उन्हें मिस्र के एयर डिफेन्स और ऑपरेशनल स्ट्रक्चर से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी भी दी गई। इसके बाद उन्होंने काहिरा के समीप स्थित बेरिघाट एयर बेस का दौरा किया। यहां भारतीय वायुसेना प्रमुख ने मिस्र की वायुसेना के पायलटों, तकनीशियनों और कमांड टीम से बातचीत की तथा संयुक्त अभ्यासों और प्रशिक्षण सहयोग पर चर्चा की।
यहां दोनों सेनाओं, यानी भारतीय व मिस्र की सेना के बीच इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने और भविष्य में और अधिक संयुक्त अभ्यास आयोजित करने पर भी जोर दिया गया। अपने कार्यक्रम के अंतर्गत एयर चीफ मार्शल सिंह ने काहिरा स्थित हेलिओपोलिस वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
यह स्मारक उन भारतीय जवानों की वीरता और बलिदान की याद दिलाता है जो मिस्र और मध्य-पूर्व के मोर्चों पर लड़ते हुए शहीद हुए थे। दौरे के पहले दिन हुए स्टाफ टॉक्स में परिचालन सहयोग, प्रशिक्षण कार्यक्रम, तकनीकी सहयोग, रक्षा उत्पादन तथा भविष्य के रणनीतिक आदान-प्रदान से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
दोनों पक्षों ने रक्षा संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराई। गौरतलब है कि इस साल बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘ब्राइट स्टार’ में मिस्र और अमेरिका के साथ मिलकर 700 से अधिक भारतीय सैन्यकर्मी युद्धाभ्यास कर चुके हैं।
थलसेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा इस अभ्यास में लाइव फायरिंग व कमांड पोस्ट अभ्यास किया गया था। ‘ब्राइट स्टार 2025’ में भारतीय सशस्त्र बलों एवं मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ के 700 से अधिक सैनिकों ने हिस्सा लिया था।
इस अभ्यास के दौरान विभिन्न सैन्य गतिविधियां आयोजित की गई थीं। ‘ब्राइट स्टार’ बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास है, जिसे मिस्र और अमेरिका के संयुक्त तत्वावधान में 1980 से आयोजित किया जा रहा है। यह क्षेत्र के सबसे बड़े त्रि-सेवा बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों में से एक है। यह अभ्यास हर दो वर्ष में आयोजित होता है। पिछला संस्करण वर्ष 2023 में हुआ था, जिसमें भारत समेत कई देशों की सेनाओं ने भाग लिया था।
-आईएएनएस
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