रत्नागिरी, 27 जून (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद को लेकर मंत्री योगेश रामदास कदम ने विपक्ष पर जोरदार तंज कसते हुए इसे विपक्ष का राजनीतिक ड्रामा करार दिया है।
मंत्री योगेश कदम ने शुक्रवार को हिंदी भाषा विवाद पर विपक्ष के आरोपों पर समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह पूरी तरह से राजनीतिक ड्रामा है। महाराष्ट्र में हर किसी को मराठी आनी चाहिए। हम शुरू से कह रहे हैं और आगे भी कहेंगे। हम इससे पीछे नहीं हट रहे हैं। हमने महाराष्ट्र के हर स्कूल में मराठी अनिवार्य कर दी है। हमने हिंदी को लेकर कोई सख्ती नहीं की है।
मंत्री योगेश कदम ने आगे कहा कि आगामी बीएमसी चुनाव को देखते हुए विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर मराठी मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रही है। यह मुद्दा केवल मराठी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए उठाया जा रहा है। जल्द ही मुंबई निगम चुनाव घोषित होने वाले हैं। मराठी मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के लिए उन्होंने हिंदी थोपने का एजेंडा उठाया है। जबकि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि हमने महाराष्ट्र में हिंदी की सख्ती नहीं की है। राज्य सरकार ने हिंदी को अनिवार्य नहीं किया है। हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं के भी विकल्प दिए गए हैं और छात्र इनमें से किसी भी भाषा का चयन कर सकते हैं।
मंत्री योगेश कदम ने 26 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा मराठी भाषा अनिवार्य है, हिंदी अनिवार्य नहीं है। हमारे महाराष्ट्र में मराठी भाषा अनिवार्य है, हिंदी भाषा को राज्य सरकार ने बिल्कुल भी अनिवार्य नहीं किया है। आगामी चुनावों से पहले मराठी भाषा पर राजनीति करना ठीक नहीं है। जो सरकार मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देगी, वह कभी मराठी के खिलाफ नहीं होगी।
दूसरी ओर हिंदी भाषा विवाद पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे 5 जुलाई को संयुक्त रूप से मोर्चा निकालने वाले हैं। वर्षों बाद यह ऐसा मौका होगा जब दोनों भाई एक मंच से एक मुद्दे के लिए आवाज उठाएंगे।